नैसर्गिक सौंदर्य के बीच स्थित आस्था का अलौकिक धाम

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आस्था का धाम है मां सूर्या देवी दरबार, जहां हो जाती हैं हर मुश्किलें आसान
बड़ी संख्या में मां के दरबार में शीश नवाने पहुंचते हैं श्रद्धालु
लालकुआं से हंस कृपा के लिए अजय उप्रेती की रिपोर्ट
जनपद नैनीताल के गोलापार क्षेत्र में शैलजाम नदी के तट पर स्थित मां सूर्या देवी का दरबार सदियों से भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मां के दरबार में शीश नवाने पहुंचते हैं यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है चैत्र तथा शारदीय नवरात्र में यहां का वातावरण देखते ही बनता है तथा नवरात्रि के पर्व पर श्रीमद् भागवत देवी भागवत आदि धार्मिक अनुष्ठान यहां संपन्न कराए जाते हैं यहां भक्तजन मनौती मांगने आते हैं और मां के दरबार में चुनरी चढ़ाते हैं मनौती पूरी होने के बाद भी भक्त कृतज्ञता व्यक्त करने यहां पहुंचते हैं और मां के दरबार में चुनरी चढ़ाते हैं मां सूर्या देवी का दरबार लालकुआं विधानसभा के गोलापार क्षेत्र अंतर्गत आता है हल्द्वानी से चोर गलियां मार्ग पर लगभग 16 किलोमीटर की दूरी तय कर बाईं ओर 6 किलोमीटर के कच्चे मार्ग की और दूरी तय कर इस दरबार में पहुंचा जा सकता है मुख्य मार्ग से जब 6 किलोमीटर का कच्चा मार्ग तय किया जाता है तो यह पूरा मार्ग वनों से आच्छादित है इस मार्ग में मोर हिरण आदि पशु पक्षी विचरण करते हुए देखे जा सकते हैं कहीं-कहीं तो इनके झुंड भी दिखाई देते हैं नदी का निर्मल एवं शीतल जल रास्ते की थकान को पलक झपकते ही दूर कर देता है पूरे रास्ते का प्राकृतिक सौंदर्य भी आस्था के पथ पर चल रहे भक्तों को बेहद आनंदित करता है मंदिर के समीप ही नौमी दास बाबा जी का आश्रम है नौमी दास बाबा उदासीन अखाड़े के प्रसिद्ध संत रहे हैं और मां सूर्या देवी के अटूट भक्त रहे उनके ब्रह्मलीन होने के बाद वर्तमान में उम्मेद गिरी महाराज इस आश्रम की व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं इसके अलावा आस पास के क्षेत्र के भक्तजन भी निरंतर मंदिर में निष्काम भाव से सेवा करते रहते हैं मां सूर्या देवी के अनन्य उपासक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरेंद्र बोरा कहते हैं कि वे पिछले 40-45 वर्षों से लगातार मां के दरबार में आते रहते हैं उनका कहना है कि मां के दरबार में सच्चे मन से की गई पूजा अर्चना कभी निष्फल नहीं जाती है वह बताते हैं कि वैसे तो वर्ष भर श्रद्धालुओं का यहां आना जाना लगा रहता है लेकिन ग्रीष्मकालीन और शरद कालीन नवरात्रि में यहां भक्तों की आवाजाही देखते ही बनती है उम्मेद गिरी महाराज जी बताते हैं कि यहां नवरात्र में श्रीमद् भागवत श्रीमद् देवी भागवत एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए जाते हैं या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

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