आस्था का पावन धाम बिंदेश्वर महादेव

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जनपद नैनीताल के बिंदुखत्ता के श्री हंस प्रेम योग सतपाल महाराज आश्रम संजय नगर स्थित बिंदेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धा एवं विश्वास का पावन केंद्र होने के साथ-साथ बिंदुखत्ता की बसावट का सबसे प्राचीन देव स्थल भी है इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि मानव धर्म के प्रचार के लिए देशाटन पर निकले परम संत योगीराज हंस जी महाराज का इस क्षेत्र में आना हुआ और घनघोर जंगल के बीच उन्होंने इस स्थान पर साधना के पल बिताए उनकी साधना स्थली पर बाद में राजराजेश्वरी जगत जननी माता जी के द्वारा शिवलिंग स्थापित किया गया कालांतर में ब्रह्मलीन महात्मा परमानंद जी ने इसे अपनी साधना स्थली के रूप में प्रतिस्थापित किया

और यहां पर बिंदेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किया गया और प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि का महोत्सव यहां पर धूमधाम से मनाया जाने लगा जो अब तक अनवरत जारी है मंदिर के काफी जीर्ण होने के बाद महात्मा सत्यबोधानंद जी ने स्थानीय श्रद्धालुओं एवं प्रेमी जनों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उक्त मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण कराया जो आज भव्य रूप में स्थापित है तथा श्रद्धालुओं की आस्था विश्वास का केंद्र है बिंदेश्वर महादेव मंदिर बिंदुखत्ता की बसावट का सबसे प्राचीन देव स्थल है वर्तमान में बिंदेश्वर महादेव मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है यहां महाशिवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शनों को आते हैं समय-समय पर दीपदान एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी यहां पर कराए जाते हैं यहां का वातावरण अत्यंत शांत एवं रमणीक है जो श्रद्धालुओं को परम आनंद की प्राप्ति कराता है इस देव दरबार के समक्ष मांगलिक कार्यों को करना भी लोग अपना सौभाग्य समझते हैं और यज्ञोपवीत विवाह संस्कार इत्यादि भी मंदिर के पवित्र प्रांगण में संपन्न कराए जाते हैं वर्तमान में मंदिर एवं आश्रय की देखरेख की व्यवस्थाएं युवा संत महात्मा आलोकनंद जी एवं मानव उत्थान सेवा समिति से जुड़े कार्यकर्ता सदस्य निभा रहे हैं यहां प्रत्येक सोमवार को दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सत्संग का भी आयोजन किया जाता है वर्तमान में यहां विशाल सत्संग हॉल भी है यहां श्री हंस मंदिर श्री शनि देव मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र है मानव उत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय संगठन सचिव महात्मा सत्यबोधानंद जी ने बताया कि संत महात्माओं एवं श्रद्धालुओं के आग्रह को स्वीकार करते हुए सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 15 फरवरी को यहां आने की स्वीकृति प्रदान की है उन्होंने बताया कि सदगुरुदेव जी के आगमन को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है और 15 फरवरी का कार्यक्रम ऐतिहासिक रूप से मनाया जाएगा

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