बांग्लादेश में बढ़ रही हिंसा पर भाकपा माले ने चिंता जताई

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बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा चिन्ताजनक, हिंसा के इस अभूतपूर्व दौर को तुरंत रुकना चाहिए : माले

भाकपा माले पड़ोसी बांग्लादेश में तेजी से बढ़ती हिंसा और संगठित सार्वजनिक अशांति पर अपनी गहरी पीड़ा और गंभीर चिंता व्यक्त करती है। तोड़फोड़ और लक्षित हमलों की इस परेशान करने वाली लहर के हिंसा के इस अभूतपूर्व दौर को तुरंत रुकना चाहिए जिसमें पहले ही जान-माल का भारी नुकसान हो चुका है।

भाकपा माले द्वारा जारी बयान में कहा गया कि, कट्टरपंथी ताकतों द्वारा, युवाओं को सांप्रदायिक आधार पर लामबंद करते हुए, धार्मिक अल्पसंख्यकों, विपक्ष की आवाजों और प्रगतिशील सांस्कृतिक संस्थानों पर व्यवस्थित हमले शुरू हो रहे हैं। ढाका में प्रमुख मीडिया हाउस प्रथम आलो और द डेली स्टार पर हमले, और प्रसिद्ध सांस्कृतिक संगठनों छायानत एवं उदीची में की गई तोड़फोड़, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर सीधा प्रहार है। विपक्षी दलों के कार्यालयों को भी योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया गया है।

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हिंसा के इस अभूतपूर्व दौर को तुरंत रुकना चाहिए। हम बांग्लादेश प्रशासन से निर्णायक रूप से कार्रवाई करने, दोषियों की पहचान करने और त्वरित एवं अनुकरणीय सजा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।

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हम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार से अपेक्षा करते हैं कि वे फरवरी 2026 में होने वाले निर्धारित आम चुनावों से पहले समाज को अस्थिर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के कट्टरपंथी ताकतों के इस सोचे-समझे प्रयास को विफल करने के लिए युद्ध स्तर पर हस्तक्षेप करेंगे।

साथ ही, हम इस बात को लेकर भी बेहद चिंतित हैं कि भारत में फासीवादी और कट्टरपंथी ताकतें आगामी विधानसभा चुनावों में चुनावी लाभ के लिए, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में, ‘इस्लामोफोबिया’ और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को भड़काने के लिए इन घटनाक्रमों का फायदा उठाने की कोशिश कर सकती हैं।

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भाकपा माले सभी वामपंथी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले नागरिकों से अपील करती है कि वे सांप्रदायिक उकसावे के प्रति सतर्क रहें और धार्मिक एवं सांस्कृतिक सीमाओं से परे सांप्रदायिक सद्भाव, बहुलवाद और लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति संवैधानिक प्रतिबद्धता को सक्रिय रूप से बनाए रखें।

डॉ कैलाश पाण्डेय
जिला सचिव
भाकपा माले नैनीताल

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