श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया गुरु नानक देव जी का 556 वां प्रकाश पर्व, श्रद्धालुओं ने छका लंगर

ख़बर शेयर करें

जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल: धूमधाम से मनाया गया 556 वां प्रकाश पर्व

सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया लंगर में प्रसाद ग्रहण

सिक्खों के प्रथम गुरु व सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया गढ़वाल मंडल के कोटद्वार अंतर्गत गोविंद नगर स्थित गुरुद्वारे में भी विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गुरुद्वारे को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। जिससे पूरा वातावरण भक्ति और आनंदमय हो गया।

गोविंदनगर स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में प्रकाश पर्व के अवसर पर विशेष कीर्तन दरबार और अरदास का विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा सिंह सभा गोविंद नगर कोटद्वार में ज्ञानी गुरजंट सिंह और सेवादार ज्ञानी शूरवीर सिंह ने शब्द कीर्तन गायन से गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को भावपूर्ण शब्दों में साझा किया

यह भी पढ़ें 👉  कल कंगारूओं को उन्हीं की धरती पर सबक सिखाएगी भारतीय टीम

गुरुद्वारे में सुबह से ही मत्था टेकने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे थे। दोपहर तक गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लग गया था। इस अवसर पर गुरुद्वारे में विशेष लंगर का आयोजन भी किया गया था। जिसमें सैकड़ों की संख्या में सभी धर्मों के श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री धामी कल हल्द्वानी में पूर्व सैनिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे

वहीं, गुरुद्वारा सिंह सभा के सेवादार व आधारशिला रक्तदान समूह के संस्थापक सरदार दलजीत सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रवर्तक और पहले गुरु थे। उन्होंने अपने जीवन में समानता, प्रेम, विनम्रता और निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया। उनके “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” के सिद्धांत आज भी सिख समाज और पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ थे। गुरु नानक देव जी ने समाज को यह सिखाया कि इंसान को धर्म और जाति के नाम पर नहीं, बल्कि इंसानियत के आधार पर एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  आज का राशिफल

सरदार दलजीत सिंह ने कहा कि गुरु नानक जी की शिक्षाएं आज भी लोगों को सच्चाई और एकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को मिलजुलकर रहने, मेहनत करने और सच्चे मन से ईश्वर की भक्ति करने की राह दिखाई।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad