भोजन माताओं के स्थाई नियुक्ति की मांग, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

प्रगतिशील महिला एकता केंद्र व प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्कूल मर्जर की उत्तराखंड सरकार की नीति के खिलाफ प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार एसडीएम लालकुआं को सौपा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जुटी महिलाएं भोजनमाता ने स्कूल मार्जन नहीं चलेगा, छात्राओं से शिक्षा का अधिकार छीनना बंद करो, भोजनमाता को स्थाई करो, रिक्त पदों पर भर्ती करो, आदि नारे लगाए।
इस अवसर पर हुई सभा में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की अध्यक्ष बिंदु गुप्ता ने कहा उत्तराखंड सरकार शिक्षा स्वास्थ्य सरीखे जन कल्याण के मदों पर सरकारी खर्च घटाने के प्रयास में है। इसी के हिस्से के बतौर वह क्लस्टर स्कूल बना सैकड़ों प्राथमिक स्कूलों को बंद करना चाह रही है। इस कदम से सरकारी खर्च बचाने के साथ निजी स्कूलों की लूट बढ़ाने की मंशा से सरकार काम कर रही है। सरकार की स्कूल मर्जर की नीति से उत्तराखंड के बेरोजगार, बच्चों, भोजनमाता सब पर असर पड़ेगा।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की पुष्पा ने कहा कि सरकार है उदारीकरण निजीकरण की नीति के तहत सभी कल्याणकारी मदों पर खर्च घट रही है। वह शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी पूंजी को लूट की छूट दे रही है। इसी के हिस्से के बतौर सरकार उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों को बंद करने की फिराक में है ताकि प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा मिल सके। सरकार के इस कदम से गरीब छात्र शिक्षा से ही वंचित हो जाएंगे। सरकार प्राइमरी के बच्चों को 5-5 किलोमीटर दूर कलस्टर स्कूलों में भेजना चाह रही है। जो कि इतने छोटे बच्चों के लिए संभव नहीं है। खासकर लड़कियों की शिक्षा इस कदम ज्यादा प्रभावित होगी।

प्रगतिशील भोजनमाता संगठन की दीपा पवार ने कहा कि बंद होने वाले स्कूलों की भोजनमाता के रोजगार पर सरकार के इस कदम से प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। अधिक संभावना यही है कि या तो उन्हें काम से निकाल दिया जाएगा या घर से काफी दूर किसी स्कूल में भेज दिया जाएगा। दोनों ही सूरत में उनका काम करते रहना असंभव हो जाएगा। सरकार भोजनमाता से ₹3000 में बेगारी करवा रही है। अब उन्हें स्थाई करना तो दूर मर्जर के नाम पर सरकार बेरोजगार बना रही है।
प्रगतिशील भोजनमाता संगठन की महामंत्री ने कहा कि स्कूल मर्जर के इस कदम से 900 से अधिक स्कूल बंद होने की संभावना है। इन स्कूलों के शिक्षक व अन्य कर्मियों के पद सरकार समाप्त कर देगी। इस तरह शिक्षक बनने के लिए तैयारी कर रहे पढ़े-लिखे बेरोजगारों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों-छात्रों और अभिभावकों,भोजनमाता व जागरूक जनता को मिलकर सरकार के इस कदम के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। इसके पश्चात प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार लालकुआं को सौपा गया। ज्ञापन में स्कूल मर्जर की योजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई। ज्ञापन व सभा की कार्यवाही
बिंदु, तलाशी ,कमला, गीता, काजल, दीपा पवार, बसंती, सरस्वती , राजमती, शकुंतला, रजनी सहित कई महिलाएं व भोजनमाताएं शामिल हुई।
प्रगतिशील भोजनमाता संगठन
9758210962
