जिला पंचायत जग्गीबंगर सीट पर विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर
32000 से ज्यादा मतदाता वाली जग्गी बंगर जिला पंचायत सीट विधायक डॉक्टर मोहन बिष्ट की प्रतिष्ठा का सवाल बन रही है इस सीट पर निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला की धर्मपत्नी श्रीमती दीपा चंदोला के अलावा पूर्व जिला पंचायत सदस्य किरन जोशी तथा अधिवक्ता विमला देवी बबीता चंदोला के बीच मुकाबला है तीनों ही प्रत्याशियों ने जी तोड़ मेहनत कर अपनी अपनी जीत का मार्ग प्रशस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन यह सीट कहीं ना कहीं विधायक डॉक्टर मोहन बिष्ट की प्रतिष्ठा से जुड़ चुकी है ऐसा इसलिए कि दीपा चंदोला और विमला देवी बबिता चंदोला दोनों ही भारतीय जनता पार्टी से हैं दोनों ने ही भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी लेकिन भाजपा ने इस सीट को खुला छोड़ दिया यानि किसी को भी अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित नहीं किया और ना ही किसी को चुनाव लड़ने से इनकार किया सूत्रों की माने तो भाजपा का एक पक्ष विमला देवी बबीता चंदोला को टिकट दिए जाने का पक्षधर रहा और बाकायदा भाजपा की एक टीम भी उनके समर्थन में चुनाव प्रचार में अपनी ताकत लगा रही है जबकि डॉक्टर मोहन बिष्ट की पसंद कमलेश चंदोला बताए जाते हैं लिहाजा उन्होंने कमलेश चंदोला की धर्मपत्नी दीपा चंदोला को टिकट दिए जाने की मंशा जाहिर की इतना ही नहीं विधायक ने दीपा चंदोला के नामांकन से लेकर अब तक जो सक्रियता दिखाई उससे भी यह बात कहीं ना कहीं साबित हो रही है कि उनकी पसंद दीपा कमलेश चंदोला ही है विधायक डॉ मोहन बिष्ट पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं विधायक बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी लिहाजा उप चुनाव कराए गए उसमें भी भाजपा के वरिष्ठ नेता इंदर सिंह बिष्ट और कमलेश चंदोला के बीच में मुकाबला हुआ पार्टी ने यहां पर भी किसी को अधिकृत उम्मीदवार नहीं बनाया और कमलेश चंदोला भारी मतों से यह सीट जीतने में कामयाब हो गए अब यदि यह सीट दीपा कमलेश चंदोला के पाले में जाती है तो यह विधायक के लिए बहुत बड़ा एडवांटेज होगा ऐसा इसलिए कि विधायक कहीं ना कहीं अपनी पार्टी के कई लोगों के प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से निशाने पर रहने लगे हैं ऐसे में यह सीट जीतने के बाद प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से उनके खिलाफत करने वाले लोग बैक फुट पर आ जाएंगे और विधायक को एक अच्छा श्रेय मिलेगा गौरतलब है कि इससे पूर्व नगर पंचायत चुनाव में विधायक ने पार्टी प्रत्याशी प्रेमनाथ पंडित के पक्ष में धुआंधार प्रचार किया दिन-रात एक कर दिया बाबजूद उसके प्रेमनाथ पंडित को भितरघात की वजह से हार का सामना करना पड़ा था और सियासी माहौल बनाया गया कि विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक मात्र नगर पंचायत में भी पार्टी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला पाए ऐसे में जिला पंचायत सीट पर अपने मनपसंद प्रत्याशी को जीत दिलाकर विधायक एक नई संजीवनी प्राप्त कर सकते हैं और उनका राजनीतिक कद भी इस जीत से बढ़ेगा और यदि परिणाम आशा के अनुकूल नहीं आता है तो फिर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हमलावर लोगों को विधायक के खिलाफ आवाज बुलंद करने का मौका भी मिल जाएगा
