पढ़िए रोचक कहानी बाज का शिकार

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आज की कहानी

         !! बाज का शिकार !! =============
बाज के बच्चे ने अभी-अभी उड़ना सीखा था… उत्साह से भरा होने के कारण वह हर किसी को अपनी कलाबाजियां दिखाने में लगा था। तभी उसने पेड़ के नीचे एक सूअर के बच्चे को भागते देखा, ” माँ वो देखो सूअर, कितना स्वादिष्ट होगा ना, मैं अभी उसका शिकार करता हूँ।” “नहीं बेटा,” माँ बोलीं, “अभी तुम इसके लिए तैयार नहीं हो, सूअर एक बड़ा शिकार है, तुम चूहे से शुरुआत करो।” बाज आज्ञाकारी था, उसने फ़ौरन माँ की बात मान ली और जल्दी ही उसने बड़ी कुशलता के साथ चूहों का शिकार करना सीख लिया।

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अब उसका आत्मविश्वास बहुत बढ़ चुका था, वह अपनी माँ के पास गया और फिर से सूअर का शिकार करने के लिए कहने लगा।

“अभी नहीं बेटा, पहले तुम खरगोश का शिकार करना सीखो”, माँ ने समझाया। कुछ ही दिनों में बाज ने खरगोशों का शिकार करना भी सीख लिया। उसे पूरा यकीन था कि अब वो अपने पहले लक्ष्य सूअर को ज़रूर मार सकता है… और इसी की आज्ञा लेने वह माँ के पास पहुंचा। पर इस बार भी माँ ने उसे मना कर दिया और पहले मेमने का शिकार करने को कहा। बाज जल्दी ही मेमनों का शिकार करने में पारंगत हो गया। फिर एक दिन वह अपनी माँ के साथ यूँही डाल पर बैठा था कि एक सूअर का बच्चा उधर से गुजरा… बाज ने अपनी माँ की ओर देखा… माँ मुस्कुराई और सूअर पर झपट पड़ने का इशारा किया।

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बाज ने फ़ौरन नीचे की ओर उड़ान भरी और उस दिन उसने पहली बार अपना मनपसंद खाना खाया।

दोस्तों, सोचिये अगर माँ ने पहली बार में ही उसे सूअर का शिकार करने को कह दिया होता तो क्या होता? नन्हा बाज निश्चित तौर पर असफल हो जाता… और संभव है उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता। लेकिन जब उसने पहले छोटे-छोटे शिकार किये तो उसका आत्मविश्वास और उसकी काबिलियत दोनों निखरती गयीं। और अंततः वह अपने मनपसन्द लक्ष्य को पाने में सफल हुआ।

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शिक्षा:-
बाज की ये प्रसंग हमें अपने बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे आसान हिस्सों में बाँट कर उसे पाने की सीख देती है। इसलिए बड़ा लक्ष्य बनाइये, ज़रूर बनाइये लेकिन उसे पाने के लिए अपने अन्दर धैर्य रखिये, अपने गुरु की बात मानिए और योजनाबद्ध तरीके से उसे छोटे हिस्सों में बांटकर अंततः अपने उस बड़े लक्ष्य को हासिल करिए..!!

सदैव प्रसन्न रहिए – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।
जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।
🙏जय गुरुदेव🙏

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