क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने काकोरी शहीदों को दी श्रद्धांजलि, गोष्ठी का आयोजन
प्रेस नोट
आज क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने काकोरी एक्शन के सौ साल पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। विचार गोष्ठी शुरू होने से पहले शहीदों को पुष्प अर्पित कर बाद 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी। एक क्रांतिकारी गीत के बाद गोष्ठी शुरू हुई।
गोष्ठी का पहला वक्तव्य मोहन मटियाली ने रखा। अपने वक्तव्य में काकोरी शहीदों के जीवन पर प्रकाश डाला। आजादी के आंदोलन में रामप्रसाद बिस्मिल व अशफाक उल्ला खां जैसे नौजवानों सयुक्त रूप से अपनी भूमिका निभाई।

वरिष्ठ पत्रकार दीप भट्ट ने अपने विचार रखते हुए कहा कि देश में आजादी का प्रभाव इतना व्यापक था कि बॉलीवुड में भी क्रांतिकारी फिल्म बनी।आज वह कम होता जा रहा इसलिए क्रांतिकारी विचारों को समाज में व्यापक प्रचार करना होगा। अगले वक्ता एडवोकेट बबीता ने कहा की हमें सयुक्त पहल कदमी कर अपने अधिकारों की रक्षा करना चाहिए। स्वतंत पत्रकार उमेश विश्वास ने आजादी के नायकों के विचारों आत्मसात कर अपनी एकता मजबूत करने पर जोर दिया। अंबेकर मिशन के जी आर टम्टा ने कहा कि संविधान को अपना हथियार बना कर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया जा सकता हैं। परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेश ने अपने विचार रखते हुए कहा आज सरकारें इतिहास को बदल कर क्रांतिकारियों के विचारों को हटा रही हैं। भाकपा माले से कैलाश पाण्डे ने कहा की सरकारें जनता के अधिकारों को कम कर अतिक्रमण के नाम पर गरीबों उनके घरों से बेदखल कर रही हैं। प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की रजनी ने कहा महिलाओं के ऊपर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। जनवादी लोक मंच से योगेश सहित,शिवदेव सिंह, विजय तिवारी, टी.आर.पाण्डे, आदि भी अपने विचार रखा।गोष्ठी का संचालन मुकेश भंडारी व शेखर चंद्र ने किया। विचार गोष्ठी में उमेश विश्वास स्वतंत्र पत्रकार, विजय तिवारी,जी आर टम्टा, वरिष्ठ पत्रकार दीप भट्ट,अनुराग, उमेश, रजनी, मोहन मटियाली,अनीता देवी, अधिवक्ता बिनीता, शिवदेव सिंह, शेखर चंद्र, रियासत अली,भुवन चंद्र, आकाश भारती, पंकज अम्बेडकर, चंदन, योगेश, हिमानी, प्रकाश, उमेश पाण्डे,
द्वारा
मोहन मटियाली
क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन(क्रालोस
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