सदगुरुदेव संदेश
आज सद्भावना की शक्ति से अध्यात्म की शक्ति से सब मिलकर देश के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार की बीमारी को दूर करें और अध्यात्म ज्ञान का निरंतर प्रचार करें , संतों ने कहा कि एक माला में अलग-अलग किस्म के फूल होते हैं पर उनको संजोकर रखने वाला धागा तो एक ही होता है ऐसे हमारे मजहब चाहे अलग-अलग हो पर वह परमपिता परमात्मा का नाम रूपी धागा सब में एक समान ही है संतों ने उस एक धागे को जानने के लिए कहा जिसको हम प्राण शक्ति कहते हैं अगर वे श्वास वह प्राणशक्ति शरीर से निकल जाए तो डॉक्टर यही कहेंगे कि अब यह व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त हो गया है चाहे वह हिंदू मुसलमान सिख ईसाई पारसी यहूदी आदि कोई भी हो उसके अंदर श्वास है और इन्हीं सांसों को ही जानने के लिए आज हम लोगों को सत्संग के माध्यम से बता रहे हैं समझा रहे हैं
साभार : मानव धर्म संदेश दिसंबर 2015
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