बिंदुखत्ता में हुआ सत्संग का आयोजन
श्री हंस प्रेम योग आश्रम संजय नगर बिंदुखत्ता में साप्ताहिक सत्संग के दौरान संत महात्माओं ने अनेक ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया बताया गया की सत्संग जीवन के लिए क्यों जरूरी है और इस जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है प्रचारिका बाई जी मर्यादा बाई जी एवं गुंजन बाई ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि यह ज्ञान की वह अविरल गंगा है जिसके स्पर्श मात्र से ही मनुष्य के समस्त प्रकार के विषय विकार इस प्रकार से नष्ट हो जाते हैं जैसे सूर्य की एक किरण पड़ते ही घनघोर अंधकार समाप्त हो जाता है उपस्थित श्रद्धालु प्रेमी जनों को बताया गया कि जीवन की वास्तविक सच्ची कमाई अथवा पूंजी यही ज्ञान का सागर है जिस पर आने का सौभाग्य सदगुरुदेव की कृपा से ही मिलता है क्योंकि व्यक्ति सब कुछ जानने के बाद भी अनजान बना रहता है और वास्तविकता से दूर होता जाता है लेकिन जब व्यक्ति को जीवन में सदगुरुदेव का सानिध्य प्राप्त होता है तो फिर वह वास्तविकता की ओर खिंचा चला आता है और अपने जीवन को धन्य बना लेता है
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