मिलती है राम नाम की दौलत कभी-कभी
नूतन वर्ष के प्रथम सोमवार को निकटवर्ती श्री हंस प्रेम योग आश्रम संजय नगर बिंदुखत्ता में महान सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया इस दौरान महात्मा आलोकानंद जी ने सच्चिदानंद स्वरुप भगवान के उस पावन नाम का वर्णन किया जिसकी महिमा समस्त वेद पुराण उपनिषदों एवं धर्म ग्रंथो में गाई गई है उन्होंने इस दौरान मानस की सुंदर चौपाइयों के माध्यम से स्पष्ट किया कि केवल प्रभु का नाम ही वास्तविकता है बाकी संसार मिथ्या का अंबार है
महात्मा आलोकानंद जी ने मिलती है जिंदगी में राम नाम की दौलत कभी-कभी होती है संत जनों की सेवा कभी-कभी सुंदर भजन सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया उन्होंने कहा कि सत्संग ही व्यक्ति की भक्ति और मुक्ति का द्वार है और यह सब संभव तब होता है जब ईष्ट देव सदगुरु देव महाराज की कृपा किसी शिष्य पर बरसती है उन्होंने कहा कि आज भौतिक जगत में व्यक्ति की कथनी और करनी में अंतर है वह उस शक्ति का वर्णन तो करता है जिससे संपूर्ण चराचर जगत प्रकाशमान है लेकिन वह उस परम सत्ता के बतलाए मार्ग पर नहीं चलता है जो उसके दुख का कारण है उन्होंने कहा कि समय के सद्गुरु की शरणागत होकर ही जीवन के वास्तविक लक्ष्य को समझा जा सकता है इस दौरान महात्मा मानसानंद जी ने भी शिव महिमा से ओतप्रोत बहुत सुंदर भजन प्रस्तुत किये यहां मुख्य रूप से जवाहर सिंह दानू भगवान सिंह गोविंदी देवी केसर सिंह , ध्यान सिंह रावत भुवन चंद्र समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे