राष्ट्रपति को भेजा खून से लिखा ज्ञापन, की गई है यह मांग

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कहते हैं तीर कमान से और बात जुबान से निकल जाए तो फिर वापस नहीं आती और कभी-कभी जुबान से निकली बात व्यक्ति के लिए आफत बन जाती है ऐसा ही चरितार्थ हो रहा है कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के साथ उनके एक बयान के बाद आक्रोश की चिंगारी दावानल का रूप लेती नजर आ रही है उनके खिलाफ आक्रोश थमता नजर नहीं आ रहा है उत्तराखंड के प्रमुख केंद्र बिंदु गैरसैंण के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारी ने प्रेमचंद अग्रवाल की अविलंब बर्खास्तगी की मांग को लेकर खून से लिखा ज्ञापन राष्ट्रपति को तहसीलदार गैरसैंण के माध्यम से प्रेषित किया है दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्रेमचंद अग्रवाल की अविलंब बर्खास्तगी की जाए ताकि पर्वतीय समाज के स्वाभिमान उनके हितों की रक्षा हो सके ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से भुवन कठायत कार्तिक उपाध्याय तथा कुसुम लता बौड़ाई शामिल हैं

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