लोगों को वास्तविक ज्ञान का बोध कराते ये युवा संत
लोगों को सनमार्गी बनने की प्रेरणा दे रहे युवा संत महात्मा सत्यबोधानंद
देश के प्रमुख आध्यात्मिक एवं धार्मिक संस्था मानव उत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय संगठन सचिव युवा संत महात्मा सत्यबोधानंद जी मानव धर्म के प्रचार प्रसार से जहां एक ओर लोगों को सद्भावना सौहार्द एवं प्रेम का संदेश दे रहे हैं वही वे लोगों को सनमार्गी बनने की भी प्रेरणा दे रहे हैं बाल्यावस्था से ही आध्यात्मिक क्षेत्र में खुद के जीवन को समर्पित करने वाले महात्मा सत्यबोधानंद जी अपनी छोटी सी उम्र से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे धर्म एवं आध्यात्मिक के अलावा वे सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बेहद सक्रिय रहते हैं उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश हरियाणा दिल्ली राजस्थान पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र गोवा झारखंड छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश बिहार समेत भारत के अनेक प्रांतो एवं नेपाल के अनेक क्षेत्रों में मानव धर्म की अलख जगा रहे महात्मा सत्यबोधानंद जी मानव धर्म के प्रणेता सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के परम शिष्य हैं वर्तमान में मानव उत्थान सेवा समिति के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय संगठन सचिव का पदभार संभालते हुए देश के विभिन्न स्थानों का दौरा कर मानव धर्म के प्रचार प्रसार को आगे बढ़ा रहे हैं तथा भारतवर्ष में मानव उत्थान सेवा समिति के 4000 से अधिक आश्रमों के संचालन में कोऑर्डिनेटर का भी दायित्व निभा रहे हैं 29 सितंबर को मथुरा में पंडित दीनदयाल धाम में विराट सद्भावना सम्मेलन किया जाना है जिसमें मुख्य जिम्मेदारी भी महात्मा सत्यबोधानंद जी जी निभा रहे हैं महात्मा सत्यबोधानंद जी जहां निर्धन व निराश्रित लोगों की शिक्षा स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं करते हैं वहीं पूर्व में उन्होंने कोरोना काल में लाशों के ढेर से एक लावारिस शव निकालकर उसका दाह संस्कार कराकर मानवता की सर्वोच्च मिसाल पेश की थी महात्मा सत्यबोधानंद जी लोगों को वास्तविक ज्ञान का बोध करा रहे हैं सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के चार हाथों में शंख चक्र गदा और फूल विराजमान है आखिर वे किस बात का प्रतीक है और उसका क्या महत्व है और वह कौन सा नाम है जो निरंतर सांसों की माला में रमन करता है जिसे अजपा कहा जाता है उस वास्तविक नाम का वे लोगों को बोध कराते हैं आज हजारों लोग युवा संत महात्मा सत्यबोधानंद का मार्गदर्शन प्राप्त कर खुद के जीवन को धन्य और सफल बना रहे हैं