वन देवी मंदिर खुरियाखत्ता में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, कथावाचक व्यास भास्करानंद तिवारी जी ने सुनाई भागवत की महिमा

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निकटवर्ती बिंदुखत्ता के खुरियाखत्ता स्थित वनदेवी मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है कथा के पांचवें दिवस पर कथावाचक आचार्य भास्करानंद तिवारी ने कहा कि यह संपूर्ण सृष्टि भगवान का सुदर्शन है अतः मन वचन एवं भाव का शुद्धिकरण करते हुए निरंतर नाम जप करना चाहिए

क्योंकि कलिकाल में प्रभु का नाम ही वह औषधि है जो समस्त प्रकार के भव बंधन से पार कर देती है कथावाचक ने कहा कि यह संसार नश्वर है क्योंकि व्यक्ति के जन्म के साथ ही काल का भी जन्म होता है अर्थात जन्म के साथ ही मृत्यु भी निश्चित हो जाती है ऐसे में हरि नाम का सुमिरन ही व्यक्ति को ज्ञान भक्ति और मुक्ति प्रदान कर सकता है

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उन्होंने कथा के माध्यम से युवा पीढ़ी का आवाहन कर कहा कि वह अपने सनातन धर्म और संस्कृति को संवर्धन करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं

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क्योंकि युवा पीढ़ी के संस्कारवान होने से घर परिवार समाज और राष्ट्र सर्वत्र खुशहाली आ सकती है उन्होंने कथा के पंचम दिवस पर विभिन्न प्रसंगों का सुंदर वर्णन करने के साथ-साथ कृष्ण एवं बलराम के नामकरण की कथा का भी अद्भुत प्रसंग सुनाया और आचार्य गर्ग ऋषि द्वारा दोनों के नामकरण एवं नाम के महत्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला इस अवसर पर मंदिर के श्रीमहंत राजेश्वर गिरी जी, श्री महंत प्रेमा गिरी कुंदन सिंह मेहता ,रमेश राणा ,रमेश गोस्वामी, राम सिंह बिष्ट, गोविंद सिंह शाही, दर्शन सिंह चौहान, धर्म सिंह सामंत, फकीर सिंह पवार, मंगल सिंह मेहरा, उमेद सिंह शाही, कल्याण सिंह सावंत, करम सिंह कोरंगा, भागी चंद्र दानू चंद्र सिंह दानू, अचार्य भास्कर पांडे समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रेमी मौजूद रहे

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