हमेशा हमेशा के लिए शांत हो गई पत्रकारिता जगत की एक बेखौफ आवाज

वरिष्ठ पत्रकार सब्बन खान गुल का कुमाऊं अंचल से भी गहरा लगाव रहा वह कुमाऊं के हल्द्वानी समेत अनेक स्थानों पर लंबे समय तक पत्रकारिता से जुड़े रहे काफी समय से अस्वस्थ चल रहे सबन खान गुल का निधन हो गया वह 62 वर्ष के थे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच के रहने वाले सबन खान गुल माओवादी की माद से शब्बन खान गुल नामक शीर्षक से प्रकाशित समाचार से बेहद सुर्खियों में आए थे तब उस दौर में नेपाल में माओवादियों का जबरदस्त आंदोलन चला था और तत्कालीन सत्ता की चूल्हे माओवादियों के नाम से हिला करती थी माओवादी नेता प्रचंड जो बाद में नेपाल के प्रधानमंत्री बने प्रधानमंत्री बनने से पूर्व प्रमुख कट्टर माओवादी नेता थे उनसे मिलना तब असंभव था लेकिन सबन खान गुल उस दौर में नेपाल जाकर माओवादी नेता से मिलने में न केवल कामयाब रहे बल्कि उनका धमाकेदार इंटरव्यू उन्होंने लिया यही से शब्बन खान गुल की सुर्खियों का दौर शुरू हुआ दि संडे पोस्ट समाचार पत्र में काफी समय तक कार्य करने के बाद वह हल्दूचौड़ से प्रकाशित कुर्मांचल टाइम्स में भी जुड़े रहे कुर्माचल टाइम्स के संस्थापक स्वर्गीय के सी नैलवाल के मित्र रहे सबन खान गुल ने तब भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए भ्रष्टाचार का डायनासोर नामक शीर्षक से बहुत ही चर्चित खबर लिखी थी उस खबर के बाद कुमाऊं में उनकी तूती बोलने लगी निष्पक्ष निर्भीक जैसे शब्द उनकी पत्रकारिता पर सटीक बैठते थे
