मघा श्राद्ध का क्यों है इतना महत्व बता रहे हैं आचार्य प्रकाश बहुगुणा

“पितृपक्ष में श्राद्ध का विशेष महत्व होता है, लेकिन त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला ‘मघा श्राद्ध’ एक ऐसा दिन है जिसे अन्य श्राद्धों की तुलना में बहुत खास माना जाता है. इस साल, यह खास दिन 19 सितंबर 2025, शुक्रवार को पड़ रहा है. इस दिन का महत्व केवल पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए भी एक शक्तिशाली उपाय माना जाता है. ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मघा नक्षत्र का संबंध पितरों से होता है. जब श्राद्ध त्रयोदशी तिथि और मघा नक्षत्र के संयोग में होता है, तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है. इस विशेष संयोग को “मघा श्राद्ध” कहा जाता है.
कौन कर सकता है मघा श्राद्ध?
मघा श्राद्ध मुख्य रूप से उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो. लेकिन, इसका विशेष महत्व उन लोगों के लिए भी है जिनके पूर्वजों की मृत्यु किसी दुर्घटना, हथियार से या अल्पायु में हुई हो. इस दिन का श्राद्ध करने से उन्हें विशेष शांति मिलती है
