यहां बाजार में पहुंचा मिलावटी खोया

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होली के त्यौहार के पूर्व बाजार में आ गया मिलावटी खोवा

मिलावट खोरी रोकने का दावा करने वाले फूड इंस्पेक्टर की उजागर हो रही बड़ी लापरवाही

कौशाम्बी। होली का त्योहार आते ही मिलावटी खोवा से बाजार दुकानें भरी है और खाद्य अधिकारी मिलावट खोरो से लाभ लेने में व्यस्त है त्योहार पर मिलावटी खोवा मिलने से लोगों के त्यौहार फीके पड़ जाते हैं लेकिन मिलावट खोरी रोकने का दावा करने वाले फूड इंस्पेक्टर खोवे के मिलावट खोरी को रोकने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं रंगों का त्योहार होली ज्यों ज्यों नजदीक आ रहा है मनौरी वा चरवा बाजार में खोया की दुकानें सजने लगी हैं। गांव से खोवा लेकर पहुंचने वाले सैकड़ो लोगों से अधिक बाजार में प्रतिदिन पहुंच रहे हैं जहां हजारों किलो खोवा सुबह-सुबह बिक जाता है जो मिलावटी होता है इस त्योहार में खोया की जरूरत तो सभी जानते हैं लेकिन बाजार में बिकने वाले खोया की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं। होली आते ही बाजार में खोया की मांग बढ़ जाती है। खोया की बढ़ती मांग के चलते मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं। ये लोग सिथेटिक खोया बनाकर बाजार में खपाना शुरू कर देते हैं। दूध को आधा जलाने के बाद उसमें अरारोट आलू सहित तमाम सामान डालकर उसे खोया बना दिया जाता है जो घर जाने के बाद लोगों के उपयोग लाकर नहीं रहता है यद्यपि जब खाद्य सुरक्षा टीमें नमूना भरने लग जाती हैं तो मिलावटी खोया बेचने वालों पर अंकुश लग जाता है। जबकि होली के त्योहार में मात्र 7 दिन ही शेष बचे हैं और परिवारों में इसकी तैयारियां शुरू हो गयी हैं बाजार में मिलावटी खोया की भरमार हो गयी है। लोग शुद्ध खोया के नाम पर मिलावटी खोया खरीदने को मजबूर हैं। जानकार बताते हैं कि इसे बनाने में दूध ग्लूकोस व रिफाइंड का इस्तेमाल किया जाता है। दूध पानी व ग्लूकोस के घोल में रिफाइंड या पाम ऑयल मिलाकर नकली खोया बेखौफ तरीके से तैयार किया जाता है। इसे खराब होने से बचाने के लिए चीनी के साथ केमिकल और हाइड्रोजन परॉक्साइड का प्रयोग किया जाता है। इसकी पहचान प्रयोगशाला में ही संभव है। आम ग्राहक मिलावटी खोवा नहीं पहचान पाते हैं और घटिया सामग्री लेकर त्यौहार मनाते हैं फूड इंस्पेक्टर मिलावट खोरों से धन वसूली में मस्त हैं लोगों ने आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए फूड इंस्पेक्टरों की नकेल कसने की मांग की है।

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गणेश साहू पत्रकार

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