बागजाला आंदोलन 11वें दिन भी जारी

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बागजाला गांव में आठ सूत्रीय मांगों पर अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन 11 वें दिन भी जारी रहा। लगातार आंदोलन के बाद भी राज्य सरकार, जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से बागजाला गांव की मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं किए जाने के विरुद्ध आंदोलन तेज किए जाने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में धरना स्थल पर चर्चा के उपरांत आगामी शनिवार 30 अगस्त को दोपहर 1 बजे से धरना स्थल पर एकत्र होकर बागजाला गांव में वाहन रैली निकालने का सर्वसम्मत फैसला लिया गया।

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11 वें दिन के धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता हरदित्ता सिंह ने कहा कि, बागजाला गांव एक रंग बिरंगे गुलदस्ते की तरह है जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, पहाड़ी, मैदानी सभी जातियों धर्मों के लोग सहयोग की भावना से निवास करते हैं, ये मिनी हिंदुस्तान है। ऐसे गांव को राजस्व गांव बनाने का अर्थ है देश की मिली जुली संस्कृति को बढ़ावा देना। इसलिए बागजाला गांव को राजस्व गांव बनाने का विधिवत प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया जाना चाहिए।

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11 वें दिन के धरने की अध्यक्षता विमला देवी ने की। इस अवसर पर हरदित्ता सिंह, प्रेम सिंह नयाल, वेद प्रकाश, हेमा देवी, मोहन लाल, गोपाल सिंह बिष्ट, चन्दन सिंह मटियाली, भगवती आर्य, परवेज अंसारी, मीना भट्ट, अनीता अन्ना, सुलेमान मलिक, डा कैलाश पाण्डेय, हरक सिंह बिष्ट, ऋषि मटियाली, यासीन, बनी राम, डिगर राम, महेश राम, सोहन लाल, आज़म, जहूर, हरि गिरी, भगवती गोस्वामी, सुषमा देवी, राजन नाथ, हबीब, असलम, मुन्नी देवी, तुलसी देवी, आशा देवी, श्याम सिंह, उमा देवी, हीरा देवी, भोला सिंह, हेमा, पुष्पा, गीता, चम्पा, नसीम, कौशल्या, चन्द्र प्रकाश, सतपाल, मधु बिष्ट, मंजू , राजू, नंदी, दीपा, दुर्गा देवी, देवकी, हेमंती, रूप राम, राजेन्द्र प्रसाद, राम सिंह, गेंदल लाल, महेश, सुनीता, इलाद आर्य आदि समेत बड़ी संख्या में बागजाला गांव के ग्रामीण शामिल रहे