बड़ा सवाल जिम्मेदार कौन: अपने ही गलियारे में मारे जा रहे हैं बेकसूर गजराज

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वन्य जीव प्रेमियों द्वारा की जा रही एलिफेंट कॉरिडोर की मांग को नजर अंदाज करना अब वन्य जंतुओं पर भारी पड़ रहा है आज एक और हाथी एलिफेंट कॉरिडोर पर ट्रेन की चपेट में आकर मौत का शिकार हुआ पिछले कुछ महीनो में हादसे में मरने वाले हाथियों की यह चौथी संख्या है जिस स्थान पर हाथी दुर्घटना का शिकार हुआ और एक अपूर्णीय क्षति का सामना करना पड़ा वह स्थान एलिफेंट कॉरिडोर है जहां अक्सर हाथियों का मूवमेंट होता रहता है लेकिन एलिफेंट कॉरिडोर में बड़ी आबादी ने कब्जा कर लिया है वन आरक्षित भूमि पर किया गया कब्जा अब वन्यजीवों पर भारी पड़ने लगा है पूर्व में समाज के जागरूक लोगों ने यह मामला पूरे जोर-शोर से रखा भी था तथा वन विभाग के आला अधिकारियों को बाकायदा पत्र भी प्रेषित किया था लेकिन मामला ठंडे बस्ते में कैद हो गया है जब कभी इस प्रकार की दर्दनाक घटना होती है तो वन महकमा बड़े जोर शोर से वन्यजीवों की सुरक्षा के लंबे चौड़े दावे करता है लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ एलिफेंट कॉरिडोर पर हाथियों का रास्ता पूरी तरह से बाधित किया गया है कहीं उनके लिए खाई खोद दी जाती है तो कहीं सोलर फेंसिंग तार बाड़ लगा दी जाती है वन क्षेत्र पर लोगों का हो रहा अतिक्रमण कहीं ना कहीं वन्यजीवों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है ऐसे में वन विभाग को एलिफेंट कॉरिडोर के बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है इधर अब तमाम समाज सेवी एवं वन्यजीव प्रेमी संगठनों ने कहा है कि वह अब इस पर पूरी जानकारी लेंगे कि वन्यजीवों की सुरक्षा पर क्या इंतजाम किए गए हैं

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