200 वर्ष पूर्व स्थापित महाकाली दरबार में श्रीमद् देवी भागवत का आयोजन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा विष्णु महेश त्रिदेवों का प्रादुर्भाव हुआ इसी के साथ त्रिदेवियों सरस्वती लक्ष्मी और महाकाली का भी प्राकट्य हुआ माता सरस्वती को ज्ञान, लक्ष्मी को वैभव तथा माता महाकाली को शक्ति की दात्री कहा जाता है शक्ति का ही एक ऐसा प्राचीन देव स्थल यहां हल्दूचौड जग्गी बंगर गांव में स्थित है मां काली का यह अद्भुत देव स्थल मनुष्य को एक विशेष प्रकार की शक्ति एवं शांति प्रदान करता है और सच्चे मन से माता महाकाली के उपासक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है
वर्तमान में इस मंदिर में श्रीमद् देवी भागवत का आयोजन चल रहा है जिसकी पूर्णाहुति 12 अक्टूबर को होगी हल्दूचौड़ ही नहीं वरन संपूर्ण भावर क्षेत्र का यह अत्यंत प्राचीन देव स्थल माना जाता है मंदिर से जुड़े अनन्य भक्त चंद्र बल्लभ खोलिया बताते हैं कि
इस मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है जिसकी बहुत सटीक जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना दावे के साथ कहा जा सकता है कि यह मंदिर 1837 से पूर्व का है क्योंकि 1837 तक का प्रमाण यहां के नक्शे पर आधारित है ऐसे में कहा जा सकता है कि यह मंदिर 200 वर्ष से ज्यादा पुराना है कई बुजुर्ग जन बताते हैं कि यहां पर स्थित हल्दू का पेड़ 300 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है ऐसे में यह मंदिर 1837 से भी काफी पूर्व स्थापित हुआ होगा ऐसी मान्यता है इस मंदिर में जाते ही एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है और मनुष्य को आत्मिक बल की प्राप्ति होती है शक्ति की देवी माता मां काली के दरबार में यदि सच्चे मन से पूजा अर्चना की जाए तो मनुष्य के समस्त प्रकार की विपत्तियों का नाश हो जाता है और उसके समस्त शोक संताप दुख संकट इस प्रकार से दूर हो जाते हैं जैसे सूर्य का प्रकाश प्रकट होते ही घनघोर काले बादलों का अंधकार समाप्त हो जाता है वर्तमान में यहां 3 अक्टूबर से श्रीमद् देवी भागवत का आयोजन चल रहा है बड़ी संख्या में श्रद्धालु जगत जननी जगदंबा की महिमा का बखान सुन रहे हैं कथा वाचक विद्वान आचार्य चंद्रशेखर तिवारी की अमृतवाणी से देवी मां की बहुत ही सुंदर महिमा बताई जा रही है अनेक प्रसंगों के माध्यम से सृष्टि की उत्पत्ति पोषण एवं संहार की शक्ति प्रदान करने वाली अखिल ब्रह्मांड की नायिका मां जगदंबा की स्तुति के स्वर गुंजायमान हो रहे हैं यहां मुख्य यजमान दिनेश मिश्रा एवं सुनील तिवारी सपरिवार देवी मां के इस ज्ञान यज्ञ को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं इसके अलावा कथावाचक चंद्रशेखर तिवारी जी की टीम में शामिल चंद्रशेखर जोशी पूरन चंद्र पंकज गुरु रानी रमेश जोशी भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं यहां मुख्य रूप से चंद्र बल्लभ खोलिया भुवन चंद्र पवार केवलानंद बिरखानी समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीमद् देवी भागवत ज्ञान यज्ञ में सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः
जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते