गरल सुधा रिपु करई मिताइ गोपद सिंधु अनल सितलाई श्री राम कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
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लालकुआं में चल रही श्री राम कथा के आज नौवे दिन पवनसुत हनुमान का लंका में प्रवेश करना लंका दहन विभीषण को उपदेश देना समस्त राक्षस जाति का संघार करने के बाद प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया बताया गया कि लक्ष्य की ओर चलने वाला भक्त हनुमान की तरह ही होता है जो मैनाक पर्वत रूपी लोभ सिंहिका राक्षस रूपी भय सुरसा जैसे भृम और लंकिनी जैसी विपत्ति को पार कर अपने लक्ष्य पर पहुंच जाता है
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उन्होंने कहा कि प्रभु राम की जिस पर कृपा होती है उसके लिए फिर विष भी अमृत के समान हो जाता है दुष्ट जन अपना स्वभाव बदल देते हैं भव बंधन का भवसागर गाय के पांव के खुर के समान हो जाता है और तमाम प्रकारों की झंझावातों की अग्नि संतोष रूपी शीतल पवन के रूप में बदल जाती है मानस में इसे स्पष्ट करते हुए कहा गया है गरल सुधा रिपु करई मिताइ गोपद सिंधु अनल सितलाई कथा वाचक डॉक्टर पंकज मिश्रा ने अपनी ओजस्वी वाणी में श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया श्रोता कथा में इतने तल्लीन हुए मानो उन्होंने आसन सिद्ध कर लिया हो आज मुख्य रूप से जीवन चंद्र कवडवाल श्रीमती रश्मि कबड़वाल के अलावा फलाहारी आश्रम के महंत अवधूत केशवानंद पुरी महाराज संजीव शर्मा उमेश तिवारी ओम प्रकाश शर्मा धर्मवीर मदन लाल गुप्ता संजय झा प्रेमनाथ पंडित भवानी शंकर तिवारी खेमानंद पांडे भोला प्रसाद मौर्य श्रीमती उर्मिला मिश्रा तारा पांडे मुन्नी पांडे राजलक्ष्मी पंडित समेत अनेकों श्रद्धालु भक्तजन मौजूद रहे
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