उपलब्धियों के शिखर पर डॉ अखिलेश, मिला यह प्रतिष्ठित सम्मान

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अखिलेश चन्द्र चमोला हुए शिक्षक स्मिता सम्मान 2025 से सम्मानित
निरन्तर भावी पीढ़ी का मार्ग दर्शन तथा भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार,हमारा संकल्प नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड, जैसे समसामयिक विषयों पर उत्कृष्ट भूमिका का निर्वहन करने वाले डॉ अखिलेश चन्द्र चमोलाशिक्षक स्मिता सम्मान 2025 से सम्मानित हुए। इन्हें यह सम्मान नव प्रज्ञा फाउंडेशन,भारत ने दिया

। संस्थान ने पदाधिकारियों ने आयोजित कार्यक्रम में चमोला को सम्मानित करते हुए कहा कि हमारे संस्थान अकादमिक परिषद राष्ट्रीय स्तर पर बिना आवेदन किए ही ऐसे दिव्य विभूतियों को सम्मानित करने का कार्य करती है,जो अपने समर्पण, निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं, ऐसे रत्नों को हम क्या दे सकते हैं, लेकिन हमारा प्रयास रहता है कि बिना किसी पंजीकरण शुल्क लिए उन्हें एक मन्च में लाकर उनके कार्यों को सबके समक्ष साझा करते हैं। जिससे और लोगों को भी इनसे प्रेरणा मिल सके। उत्तराखंड से डा अखिलेश चन्द्र चमोला की प्रोफाइल का अवलोकन करने पर संस्थान को बड़ी प्रसन्नता हुई कि श्री चमोला अपने अध्यापन कार्य करने के साथ ही आम जनमानस में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।नशा आज समाज में सबसे व्यापक बीमारी है, इससे परिवार के परिवार टूट रहे हैं। युवाओं की महत्वपूर्ण ऊर्जा नकारात्मक कार्यों की ओर अग्रसर हो रही है,ऐसी स्थिति में सही समय पर उनका समुचित मार्ग दर्शन किया जाय तो वे अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा राष्ट्रीय कार्यों की ओर लगा सकते हैं। हमारी टीम ने खोजबीन अनुसंधान के रूप में उत्तराखंड से अखिलेश चन्द्र चमोला के कार्यों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया।हमारा संस्थान इस तरह के सख्शियत को सम्मानित करके अपने आप में गौरवान्वित महसूस कर रहा है। बताते चलें कि अखिलेश चंद्र चमोला जनपद रुद्रप्रयाग के ग्राम कौशलपुर के निवासी हैं। विकास खंड खिर्सू जनपद पौड़ी गढ़वाल के राजकीय इण्टर कॉलेज सुमाडी में हिंदी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।1000 से अधिक राष्ट्रीय सम्मानोपाधियो से सम्मानित होने के साथ साथ पीएचडी, डीलिट की मानद उपाधियों से भी विभूषित हो चुके हैं। केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से स्वर्ण पदक तथा महामहिम राज्यपाल पुरस्कार व जिलाधिकारी रजत प्लेट से भी अलंकृत किये जा चुके हैं।

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