बिंदुखत्ता में भोजन माताओं ने सरकार का पुतला फूंका

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प्रेस नोट
आज दिनांक 9 नवंबर को प्रगतिशील भोजनमाता संगठन उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड के 25 वर्ष होने पर काररोड बिंदुखत्ता मे प्रतिरोध सभा कर सरकार का पुतला दहन किया।

प्रतिरोध सभा में लालकुआं की ब्लॉक अध्यक्ष पुष्पा ने कहा की उत्तराखंड को बने 25 वर्ष हो गए हैं हम भोजनमाता शुरुआत में ढाई सौ रुपए से कम पर लगी थी ।और इतने साल बाद भी हमें मात्र ₹3000 का मानदेय दिया जा रहा है ।और यह भी हमारे संघर्षों के परिणाम स्वरुप हुआ है। सरकार हमारी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
कार्यकारिणी सदस्य दीपा पवार ने कहा की उत्तराखंड सरकार प्रचार में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन भोजनमाता को देने के लिए उनके पास पैसा नहीं है। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए कि हम उनके वोटर हैं और अपने वोटरों का ध्यान दिया जाना चाहिए।

भोजन माता नंदी ने कहा कि भोजनमाता की समस्या विकराल है जिनको गिनना बहुत कठिन है। हमें कभी भी बच्चे कम होने पर स्कूल से निकाल दिया जाता है। हमसे अतिरिक्त काम कराया जाता है। जिसका कोई पैसा नहीं मिलता उसके अलावा कई स्कूलों में गैस की जगह लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाया जाता है। जबकि सरकार द्वारा उज्जवला गैस योजना की सफलता के गुणगान गए जाते हैं

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और खुद सरकार के सरकारी स्कूलों में अभी तक लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाया जा रहा है।

सरस्वती ने कहा की सरकार को हमारी समस्याओं का निदान करना चाहिए अन्यथा हम हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।

गीता कशयप ने कहा की भोजनमाता द्वारा मुख्यमंत्री जी को तमाम ज्ञापन दिए गए। जिससे भोजनमाताओं समस्या हल हो लेकिन मुख्यमंत्री जी भोजनमाताओं की समस्याओं पर गौर नहीं कर रहे । उन्होंने कहा कि अगर समस्या हल नहीं होती है तो हम हड़ताल पर जाने को विवश होंगे और जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।सभा में बात रखते हुए
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र अध्यक्ष बिंदु गुप्ता ने कहा कि उत्तराखंड को बने हुए पूरे 25 वर्ष हो गए हैं लेकिन इन 25 वर्षों में बेरोजगारी भयावह तरीके से बढ़ रही है। हमारे पूर्वजों ने जो सपना देखा था की उत्तराखंड राज्य के अलग हो जाने से राज्य में सभी को शिक्षा सभी को चिकित्सा सभी को रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलेगी लेकिन आज पूरे 25 वर्ष होने पर भी स्थिति जस की तस है प्रमेएके की काजल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए महिलाओं ने असंख्य कुर्बानियां दी की हमारा राज्य बनेगा तो महिलाएं सुरक्षित होगी छोटी-छोटी बच्चियाँ सुरक्षित होंगीं। महिलाओं समेत छोटी बच्चियों से लेकर के बुजुर्ग महिलाएं सभी खुशहाल तरीके से रहेगी ।हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा अच्छा स्वास्थ्य अच्छा रोजगार मिल पाएगा ।लेकिन आज हम देखते हैं इन सब के बजाय महिला हिंसा लगातार बढ़ रही है। रोजगार की कोई गारंटी नहीं है ।भोजन माता से लेकर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , आशा वर्कर,उपनल कर्मचारी जो अस्पतालों में काम कर रही हैं, घरों में काम कर रही है उनको इतना पैसा नहीं मिल पाता कि वह दो रोड दो वक्त की रोटी खा पाए। सरकार उनको इतना कम मानदेय दे रही है की वह अपने परिवार का भरण पोषण ठीक तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। ऊपर से सरकार दिन पर दिन महंगाई लगातार बढ़।ते जा रही है और सरकारी सेक्टर में नौकरियां खत्म कर रही है।जितने सरकारी सेक्टर एक समय में जनता के डर से सरकार ने मुहैया करवाए थे आज वह जनता से लगातार छीनने पर आमादा है। सभा में एपुवा से विमला रौथाड ने बात रखी भोजन माता यूनियन से दीपा पवार, सरस्वती, कमला ,नंदी, धर्मा ,जानकी, दीपा, गीता, सरोज ,मुन्नी रेखा अनिता निर्मला पारो आदि इमके से संभु शामिल रहे।