इस प्राचीन शिव मंदिर के संरक्षण के लिए जिलाधिकारी ने दिए पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण के निर्देश

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जिलाधिकारी के आदेश पर प्राचीन शिव मंदिर व मूर्तियों के संरक्षण की दिशा में बड़ी कार्रवाई
नैनीताल।
जनपद नैनीताल के प्राचीन शिव मंदिर व मूर्तियों के संरक्षण की दिशा में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने अहम निर्देश जारी किया है नैनीताल जनपद के दूरस्थ अंचल विकास खंड ओखलकांडा अंतर्गत ग्राम पंचायत गौनीयारों में स्थित प्राचीन शिव मंदिर एवं वहां स्थापित प्राचीन मूर्तियों के संरक्षण को लेकर जिलाधिकारी नैनीताल ने संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
जिलाधिकारी नैनीताल को समाजसेवी हेमंत सिंह गौनिया द्वारा एक शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था, जिसमें ग्राम गौनीयारों में स्थित पौराणिक शिव मंदिर के निर्माण/व्यवस्थापन तथा वहां पूर्व से स्थापित प्राचीन मूर्तियों का पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण कराकर वहीं संरक्षित किए जाने की मांग की गई थी। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि कुछ मूर्तियां जो पूर्व में स्थल पर मौजूद थीं, वर्तमान में वहां नहीं दिख रही हैं, जिनका दस्तावेजी सर्वेक्षण आवश्यक है।
इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी नैनीताल के निर्देशानुसार जिला पर्यटन विकास अधिकारी, नैनीताल द्वारा दिनांक 11 दिसंबर 2025 को क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, अल्मोड़ा को पत्र जारी किया गया है।
पत्र में स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि—
ग्राम पंचायत गौनीयारों में स्थित पौराणिक शिव मंदिर स्थल का
वहां स्थापित सभी प्राचीन मूर्तियों का
पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण (निरीक्षण) कराया जाए,
ताकि मंदिर की ऐतिहासिक प्राचीनता, मूर्तियों की संख्या, स्थिति एवं संरक्षण की आवश्यकता का आकलन किया जा सके।
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि सर्वेक्षण के उपरांत मंदिर की जीर्णोद्धार/संरक्षण से संबंधित आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा सके। इस उद्देश्य से पुरातत्व विभाग की टीम को मौके पर भेजकर स्थल निरीक्षण कराया जाना प्रस्तावित है।
उक्त पत्र की प्रतिलिपि—
जिलाधिकारी नैनीताल को सूचनार्थ
तथा शिकायतकर्ता हेमंत सिंह गौनिया को अवगत कराने हेतु
प्रेषित की गई है।
जिलाधिकारी के इस हस्तक्षेप के बाद क्षेत्र में यह उम्मीद जगी है कि प्राचीन शिव मंदिर और उससे जुड़ी ऐतिहासिक मूर्तियों का विधिवत सर्वेक्षण कर उन्हें वहीं संरक्षित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रह सकेगी।