पूर्व अपर सचिव ने दिया उत्तराखंड सरकार को यह महत्वपूर्ण सुझाव

पूर्व अपर सचिव लोकायुक्त उत्तराखंड तथा केंद्रीय ,अध्यक्ष , पर्वतीय महासभा, जीवन चंद्र उप्रेती ने उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए उत्तराखंड सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिया है उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री उत्तराखंड से अनुरोध करना चाहते हैं कि उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक होगा कि वहां के अधिकांश पलायन के माध्यम से रोजगार हेतु बाहर गए हुए नव युवकों को प्रोत्साहन के रूप में यदि वर्क फ्रॉम होम की सुविधा उपलब्ध करने की नीति निर्धारित कर दी जाय तो पलायन की समस्या का समाधान हो सकता है ।और वहां के रहने वाले मूल निवासी अपने देवभूमि संस्कृति,जल,जंगल जमीन की भी सुरक्षा कर सकते हैं ।
तथा क्षेत्रीय उत्पादनों का संवर्धन कर देवभूमि का आर्थिक विकास हो पाएगा।इस तरह से उत्तराखंड देवभूमि की जो अपनी एक संस्कृति है ,जिसके आधार पर उसे देवभूमि कहा जाता है, की सुरक्षा हो सकती है अन्यथा
जो वहां के जल,जंगल और जमीन पर वाह्य कब्जे की नीति चल रही है,इससे देवभूमि की संस्कृति एवं उसकी अस्मिता पर आघात होना स्वाभाविक है।वहां के मूल निवासी युवा बाहर रोजगार के लिए जाते हैं और जो पर्वतीय मूल के सामाजिक संगठन हैं,उनको एकजुट होकर इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा।
माननीय मुख्यमंत्री जी एवं उत्तराखंड सरकार को भी इस देव भूमि, सीमांत प्रदेश की पलायन समस्या,संस्कृति,आर्थिक विकास एवं सुरक्षा हेतु गंभीर होना होगा। यहां के युवा लोगों को स्थानीय रोजगार और उन्हें आरक्षण सुविधा उपलब्ध करते हुए राज्य का आर्थिक विकास भी होगा और पलायन के लिए वे मजबूर नहीं होंगे।
उपरोक्त तथ्यों के साथ पर्वतीय महासभा पत्र के माध्यम से माननीय प्रधान मंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड से अनुरोध करती है कि गंभीरता से इस बात पर नीति निर्धारण करें कि जो उत्तराखंड का मूल निवासी है उनको विशेष आरक्षण प्रदान करते हुए वहीं रोजगार उपलब्ध कराया जाए और जो बाहर गए हैं उनके लिए भारत सरकार द्वारा यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए कि वह अपने घर से कार्य कर सकते हैं।
आशा है आप विचार करके इस देव भूमि की पलायन समस्या एवं देवभूमि संस्कृति की सुरक्षा करने पर अवश्य निर्णय लगें।
जे सी उप्रेती
(पू अपर सचिव, लोकायुक्त उत्तराखंड) एवं
अध्यक्ष,पर्वतीय महासभा
