विश्व शांति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा भारत: महात्मा सत्यबोधानंद

मानव उत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय संगठन सचिव तथा मानव धर्म के प्रणेता अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संत सदगुरु देव श्री सतपाल महाराज जी के शिष्य महात्मा सत्यबोधानंद जी ने दावा किया है कि विश्व शांति की दिशा में भारत अग्रणीय भूमिका निभाएगा उन्होंने यह भी दावा किया कि
अध्यात्म से ही शांति का मार्ग निकलेगा उन्होंने कहा किआज ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ वैश्विक अशांति का भी माहौल है परस्पर अनेक देश आपस में युद्ध की विभीषिका से जूझ रहे हैं और अपने आप को एक से बढ़कर एक शक्तिशाली साबित करने की कोशिश कर रहे हैं इस कोशिश में मानवता कराह रही है विनाश सर्वत्र मंडरा रहा है रूस और यूक्रेन का युद्ध हो या फिर इजरायल ईरान के बीच लगभग दो सप्ताह तक चला भयंकर युद्ध रहा हो उससे पूर्व भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ समय का आंशिक युद्ध चला हो यह सब वजह कुछ भी रही हो लेकिन महाविनाश का बड़ा संकेत माना जा सकता है आज दुनिया को युद्ध की नहीं शांति की जरूरत है और शांति का मार्ग अध्यात्म से होकर ही निकलता है इस अध्यात्म की जननी और शांति का मार्ग निश्चित रूप से आर्यावर्त कहे जाने वाले भारतवर्ष से ही निकलेगा इतिहास गवाह है पौराणिक घटनाएं हैं जो यह सब बताने के लिए पर्याप्त है कि भारत के महान ऋषि मुनियों ने संत महात्माओं ने धर्म एवं आध्यात्म का दुनिया के देशों में प्रचार प्रसार कर मानव धर्म का संदेश दिया आज उसी मानव धर्म का संदेश दिए जाने की आवश्यकता है और पूरी दुनिया निश्चित रूप से आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है कि जिसने वसुधैव कुटुंबकम का नारा दिया आज संपूर्ण विश्व को एक परिवार में पिरोकर सबके बीच सामाजिक समरसता सौहार्द प्रेम एवं शांति का वातावरण स्थापित कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
