विडंबना: मजदूर को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठे विधायक

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इसे पुलिस की निष्क्रियता कहेंगे संवेदनहीनता कहेंगे या फिर सिस्टम की खराबी बहरहाल जो भी हो पूर्व शिक्षा मंत्री तथा भाजपा के कद्दावर नेता वर्तमान विधायक अरविंद पांडे को एक मजदूर की मजदूरी दिलाने के लिए मजदूर के परिवार के साथ थाने में धरने पर बैठना पड़ा इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि विधायक अरविंद पांडे के द्वारा कहा गया कि उन्होंने इस मामले में पुलिस महानिदेशक को भी अवगत करा दिया था बावजूद इसके इस पर त्वरित कार्रवाई हुई जब सत्ता पक्ष के किसी कद्दावर नेता के साथ ऐसा हो तो फिर आम आदमी को न्याय मिलने में कितने पापड़ बेलने पड़ते होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है

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उत्तराखंड का यह ताजातरीन मामला गदरपुर थाने से जुड़ा है गदरपुर थाना अंतर्गत गिरधर नगर गांव के सोमपाल का गांव के ही सचिन कुमार से भूमि संबंधी विवाद चल रहा था बताया जाता है कि 15 एकड़ जमीन उक्त लोगों ने बटाई में ली थी लेकिन सोमपाल को बाद में खेती के काम से अलग कर दिया गया था सोमपाल का कहना था कि उसका बकाया है इस पर उसने अपने आप बीती विधायक अरविंद पांडे को बताई तो उन्होंने पुलिस को अवगत कराते हुए मजदूर की मजदूरी दिलाने का अनुरोध किया पुलिस पर आरोप है कि वह इस मामले में हीलाहवाली करती रही मीडिया में आए बयान के मुताबिक विधायक ने इस मामले को पुलिस महानिदेशक को भी अवगत करा दिया बाबजूद इसके कोई हल नहीं निकला इस पर विधायक ने पीड़ित सोमपाल उसकी पत्नी सुमन और बेटे के साथ थाने में धरना देना उचित समझा तकरीबन 2 घंटे तक चले हाई प्रोफाइल घटनाक्रम के बाद पुलिस ने पीड़ित मजदूर की व्यथा को समझा और आरोपी को थाने बुलाकर मामले को निपटा दिया हालांकि मामला विधायक के प्रयासों से निपट तो गया लेकिन एक सवाल जरूर खड़ा करता है कि इस मामले को निपटाने के लिए विधायक को धरने पर बैठने के लिए आखिर क्यों मजबूर होना पड़ा क्या यह मामला पहले नहीं सुलझाया जा सकता था

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