जानिए कैसे बढ़ती है शारीरिक ऊर्जा
हमारे शरीर की शक्ति
शरीर में स्व क्षतिपूर्ति की एक असाधारण क्षमता विद्यमान है। जागते-सोते हमारा शरीर भोजन को पचाता है ।और विजातीय पदार्थ बाहर करता है। ऑक्सीजन लेता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलता है ।तथा शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता रहता है। हमारा शरीर यह जानता है कि उसे किस प्रकार क्षतिपूर्ति करनी है ,और कोशिकाओं का पुनर्निर्माण करना है उसकी एक अपनी स्व चेतना है ।
हमारे शरीर की चेतना को कष्ट पहुंचता है जब शरीर की प्रतिक्रियाओं पर वाह्य कुप्रभाव पड़ता है ।इस कष्ट को सुनना, समझने तथा इसके प्रति उत्तर के लिए अपने को तैयार रखने पर ही स्वयं ही उपयुक्त छती पूर्ति या हीलिंग संभव है।
हम में से बहुत से लोग अपने शरीर से घृणा करते हैं अपने को कोसते हैं तथा भला बुरा कह कर नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देते हैं ,जो कमजोरी दुख एवं कष्ट में परीणित होती है। हम अपने शरीर को कोसते हैं ,शराब अथवा नशीले द्रव्यों का प्रयोग कर असमय वासी अधिक अथवा कम भोजन कर शरीर को अत्यधिक आराम देकर या अत्यधिक अनावश्यक शरीर को थका कर, इसके उपरांत शरीर को कष्ट होने पर हम लक्षणों के आधार पर दवाओं का सेवन कर लेते हैं। लेकिन उनके कारणों के तह तक मूल कारण को खोजने और उसके उपचार का प्रयास नहीं करते हैं।
यह सत्य है कि कुछ दवाई हमारे इम्यून सिस्टम को तत्काल बढाकर शरीर के असंतुलन को दूर कर आराम देती हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि कुछ दवाएं अपना साईड इफेक्ट भी शरीर में छोड़ती हैं । दवाओं के विगत 50 वर्षों के ज्ञान ने अवश्य ही चमत्कारी परिणाम दिए हैं। लेकिन हमें इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए की छोटी-छोटी बीमारियों के कारण शरीर पर एंटीबायोटिक का अत्यधिक प्रयोग न किया जाए। हमने जो कुछ भी अतीत में किया है उसके बारे में अच्छा अनुभव करते हुए अपने शरीर के उपचार में धनात्मक विचार लेने होंगे।
अपने शरीर से प्यार करना सीखें
शरीर की कमियों के बजाय नकारात्मक विचार को धनात्मक में परिवर्तित करें। जिनके द्वारा आप अपने जीवन में पूर्व में निराश हुए हैं ,उनको सफल बनाने वाले विचारों को ऊर्जा दें ।यदि हम अपने शरीर या अपनी कमियों को देखने के बजाय अपनी सफलताओं की ओर ध्यान दें और धनात्मक सोच रखें तो यह अच्छे स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक होगा। यदि हम अपने शरीर से प्यार करना तथा उसकी देखभाल सीख जाते हैं तो उसकी क्षमता और क्रियाशीलता में वृद्धि होती है।
एक क्रिस्चियन लेडी ने सेल्फ हीलिंग प्रशिक्षण प्राप्त किया और देखा कि उसका मोटापा स्वयं में कम हो गया जबकि उसने ना तो अपनी डाइट कम की और नहीं कोई उपचार किया बल्कि उसने अपने स्वयं के प्रति और स्वयं के शरीर के प्रति अच्छे विचार रखें, और अपना मनोबल जागृत किया। जिसके कारण इसका अधिक वजन कम होता गया उसकी खान-पान की आदतें स्वयं बदल गई।
नकारात्मक विचार ,अव्यक्त मनोभाव , डर और दबा हुआ धैर्य यह सभी अधिक वजन बढ़ाते हैं ।
अपने शरीर से कैसे प्यार करें
- हमें अपने को सुनने की आवश्यकता है। नकारात्मक विचारों को संज्ञान में लें और उन्हें धनात्मक विचारों से बदलना सीखें। अपने शरीर की तुलना अन्य व्यक्ति से न करें ,क्योंकि अन्य व्यक्ति यदि आपसे सुंदर है तो अपने शरीर के विषय में नकारात्मक विचार प्रकट होंगे ।याद रखें अपना शरीर यूनिक है।आप यदि उपरोक्त विचारों तथा निर्णय को स्वीकार नहीं करते और अपने शरीर की सुंदरता एवं महत्व का ही विचार रखें तो यह आपके स्वास्थ्य एवं क्षमता की वृद्धि करेगा।
- अपने शरीर को शीशे में देखें और धनात्मक एफर्मेशन ……जैसे मैं अपने शरीर से प्यार करता हूं ,मैं अपने बक्ष स्थल से प्यार करता हूं ।मैं अपनी बाहों, हाथों आदि अंगों से प्यार करता हूं ।और मैं अपने शरीर को धन्यवाद देता हूं कि वह स्वस्थ एवं सुंदर है।
अपने शरीर से प्यार करने के 10 रास्ते - अपने शरीर की मालिश करें।
- आनंदपूर्वक स्नान करें।
- हीलिंग तकनीक द्वारा शरीर को हिल करें।
- प्रातः प्रतिदिन घूमने जाएं जिससे शरीर की क्रियाएं बढ़ती हैं और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
- गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़े और एब्डोमिनल ब्रीदिंग का उपयोग करें। जिससे पैरों को भी विशेष शक्तिप्राप्त होती है।
- 10 मिनट का विश्राम ले और ध्यान करें।
- अपने आवाज का प्रयोग करें। गुनगुना कर गाए तथा जोर से गाना यह तनाव को दूर करते हैं।
- पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी पिए शुद्ध भोजन करें। अधिक पानी पीने से किडनी की सफाई होती है।
- डांस एवं व्यायाम जरूर करे।
- थकावट पर पूर्ण विश्राम दे शरीर को।
लेखक जीवन चंद्र उप्रेती पूर्व अपर सचिव आयुक्त उत्तराखंड हैं तथा वर्तमान में भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं एवं पर्वतीय महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष हैं जीवन चंद्र उप्रेती वर्तमान में उत्तराखंड से प्रकाशित प्रतिष्ठित फाइनल कॉल समाचार पत्र के उत्तर प्रदेश प्रभारी भी हैं