जानिए कब है इंदिरा एकादशी जिसका व्रत करने से पितरों को मिलता है मोक्ष

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सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अथवा पर्व का विशेष महत्व है प्रत्येक महीने में दो बार शुक्ल एवं कृष्ण पक्ष में एकादशी आती है वर्ष में एकादशी की कुल संख्या 24 होती है और यदि कभी अधिक मास हो तो इसकी संख्या 26 हो जाती है हिंदू धर्म में प्रत्येक एकादशी का अपना पौराणिक अथवा अध्यात्मिक महत्व है इसी में एक एकादशी प्रमुख है जिसे इंदिरा एकादशी कहते हैं इंदिरा एकादशी का महत्व बताया गया है कि उसका व्रत करने से सुख संपत्ति समृद्धि शांति की प्राप्ति तो होती ही है इसके अलावा इस एकादशी का व्रत करने से पितरों को भी परम शांति अथवा मोक्ष की प्राप्ति होती है धर्मशास्त्र के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है इस बार यह एकादशी कल शनिवार 28 सितंबर को है हालांकि एकादशी की तिथि 27 सितंबर को दोपहर 1:32 से शुरू हो चुकी है लेकिन सनातन धर्म के मुताबिक उदया तिथि को महत्व दिया जाता है अर्थात सूर्योदय के समय जो तिथि विधमान होती है उसे ही मान्यता दी जाती है ऐसे में उदय व्यापिनी एकादशी 28 सितंबर को मानी जाएगी मान्यता है कि इस दिन तर्पण पिंडदान दान पुण्य करने का विशेष महत्व है और यह सब कुछ पितरों के निमित्त किया जाता है तो इससे पितरों को परम शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है और एकादशी का व्रत करने वाले का पूरा परिवार समृद्धि को प्राप्त करता है सर्वप्रथम इंदिरा एकादशी का महत्व योगीराज भगवान श्री कृष्ण के द्वारा धर्मराज युधिष्ठिर को बताया गया था इंदिरा एकादशी का व्रत किस प्रकार लिया जा सकता है क्या-क्या इसका विधान है और कब इसका पारायण किया जाना चाहिए यह जानकारी अपने कुल पुरोहित अथवा धर्मशास्त्र के जानकार व्यक्ति से लेनी चाहिए

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