जानिए कब है वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त प्रख्यात ज्योतिष एवं कथा वाचिका ज्योत्सना पांडे से

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड की प्रख्यात कथा वाचिका ज्योत्सना पांडे ने वट सावित्री व्रत को लेकर के जिज्ञासुओं की जिज्ञासा का समाधान करते हुए विस्तार से यह आलेख दिया है वट सावित्री व्रत कब व कितने बजे से है इस पर विस्तृत जानकारी जानते हैं ज्योत्सना पांडे के आलेख से

जानिए वट सावित्री उपवास कब है।।।

26 मई 2025

देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम् ।

पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि ।।

अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।

पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते ।।

यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।

तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।

सत्य सनातन वैदिक धर्म की जै सभी सनातनीय पाठकों, धर्मावलंबियों को सादर नमस्कारम, प्रणाम, जै माता दी

यह भी पढ़ें 👉  आज का राशिफल

वट सावित्री के उपवास को लेकर किसी प्रकार का कोई संशय ना रखें, वट सावित्री उपवास दिनांक 26 मई 2025 दिन सोमवार को रखा जाएगा।

वट सावित्री का उपवास जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि को किया जाता है। वट सावित्री पर्व पर विवाहित स्त्रियां अपने जीवनसाथी की दीर्घायु की कामना हेतु अखंड सौभाग्य की प्रेरणा दायिनी देवी सावित्री एवं वट वृक्ष की पूजा, अर्चना करती है। धार्मिक मान्यतानुसार वटवृक्ष की छांव में देवी सावित्री ने अपने पति को पुनः जीवित किया था इसी दिन से वट वृक्ष की पूजा का विधान है। वट वृक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। बरगद के वृक्ष के तने में भगवान विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में भगवान शिव का वास है इस वृक्ष में कई सारी शाखाएं नीचे की ओर रहती है इन्हें देवी सावित्री का रूप माना जाता है* इसलिए धार्मिक मान्यतानुसार इस वृक्ष की पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है संतति प्राप्ति हेतु वट वृक्ष की पूजा करना लाभकारी माना गया है। इस दिन अपने पति की दीर्घायु की कामना एवं सुखद वैवाहिक जीवन की कामना हेतु सभी विवाहित स्त्रियां वट सावित्री का उपवास रखती रखती हैं।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं में होगा भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी का अधिवेशन

इस वर्ष वट सावित्री पर्व पर कुछ विशेष योग बनने जा रहे हैं शोभन योग, सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग, धृति योग, चंद्रमा कृतिका नक्षत्र अपनी उच्च राशि में तथा शुक्र देव अपनी उच्च राशि में बैठकर शुभ फल प्रदान करेंगे साथ ही वट सावित्री पर्व शिवजी का अति प्रिय वार सोमवार को पढ़ने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी।*

यह भी पढ़ें 👉  देवभूमि दर्शन : मां सूर्या देवी दरबार

(इस वर्ष दांपत्य जीवन में प्रवेश की हुई नव विवाहित स्त्रियां प्रथम बार उपवास प्रारंभ कर सकती है)

पूजा मुहूर्त

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि प्रारंभ 26 मई 2025 अपराह्न 12:14 से 27 मई 2025 प्रातः काल 08:34 तक।

वट सावित्री पूजा 2025

वट सावित्री पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त रहेगा प्रातः 11:50 से अपराहन 12:45 तक। दूसरा मुहूर्त रहेगा- अपराह्न 2:36 से मध्याह्न 3:31 तक। मुहूर्त का नाम ‘विजय मुहूर्त’ रहेगा, विजय मुहूर्त में वट सावित्री की पूजा करने से विशेष सफलता प्राप्त होती है।

|||

Advertisement