आज से सृष्टि के संचालन का कार्य संभालेंगे भगवान नारायण, देवउठनी एकादशी आज
: आषाढ़ शुक्ल एकादशी को योग निद्रा में गए भगवान नारायण आज देव प्रबोधिनी अर्थात देव उठानी एकादशी में योग निद्रा से जाग जाएंगे और भगवान भोले नाथ से सृष्टि के संपूर्ण संचालन का कार्यभार संभाल लेंगे पंचांग के अनुसार आज 9:11 के बाद एकादशी की तिथि प्रारंभ हो जाएगी ग्रहस्थ लोगों के लिए आज इसका व्रत होगा अर्थात एकादशी का पर्व आज होगा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसे देवोत्थान या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागकर पुनः सृष्टि के कार्यों का संचालन आरंभ करते हैं। साथ ही, देवउठनी एकादशी से ही विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। वहीं इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप और माता तुलसी का विवाह कराया जाता है।मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से व्यक्ति को कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी
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