कांग्रेस के नए सेनापति के आगे मिशन 2027 बड़ी चुनौती

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उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस को नया सेनापति मिल चुका है नए सेनापति के आगे संगठन को मजबूती के साथ खड़ा करते हुए मिशन 2027 को कामयाब बनाना सबसे बड़ी चुनौती है कांग्रेस ने तेजतर्रार नेता गणेश गोदयाल को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया है गणेश गोदियाल के आगे वर्ष 2027 की शुरुआत में होने वाला विधानसभा का चुनाव सबसे बड़ी चुनौती होगा गौरतलब है कि केंद्र से लेकर प्रदेश तक कांग्रेस हर मोर्चे पर लगातार हार का सामना कर रही है एक के बाद एक राज्यों में उसे हार मिल रही है जिससे उसके कार्यकर्ताओं में हताशा एवं निराशा व्याप्त है पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा बेहद आक्रामक अंदाज एवं कर्मठ व्यक्तित्व के माने जाते रहे हैं उनकी तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस का प्रदर्शन राज्य में हुए पंचायत चुनाव एवं नगर निकाय चुनाव में बेहद कमजोर रहा नगर निगम एवं जिला पंचायत में उसकी स्थिति बेहद दयनीय रही करन मेहरा हालांकि अनेक मोर्चे पर सरकार की जन विरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला करते रहे और संगठन के अंदर उर्जा का संचार करने की भी कोशिश करते रहे लेकिन परिणाम इसके अनुकूल नहीं आया अब गणेश गोदियाल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है उत्तराखंड में नगर निकाय पंचायत चुनाव निपट चुके हैं ऐसे अगला बड़ा चुनाव 2027 में होने वाला विधानसभा चुनाव है मिशन 2027 को पार करना गणेश गोदियाल के लिए बहुत बड़ी चुनौती है ऐसा इसलिए की 2002 से 2017 तक लगातार सत्ता परिवर्तन होता रहा लेकिन 2022 में भाजपा ने अपनी सत्ता को बरकरार रख सत्ता परिवर्तन के मिथक को तोड़ दिया और उसका ग्राफ दिन पर दिन आगे बढ़ता चला गया भाजपा के संगठन और कार्यकर्ता दोनों में ही उत्साह बढ़ा है इसके उलट 2022 की हार के बाद कांग्रेसी कहीं ना कहीं हताशा में जी रहे हैं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी अपने बड़े नेता से जो उम्मीदें होती हैं वह बार-बार धराशाई हो रही है हरियाणा राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एक के बाद एक हार ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मायूसी से भर दिया है ऐसे में अब उत्तराखंड का चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी चुनौती है यदि वह इसमें कामयाब होती है तो निश्चित रूप से कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को अपनी ताकत को फिर से प्राप्त कर लेगी और यदि परिणाम इसके उलट हुआ तो फिर यहां भी गुजरात बिहार जैसी स्थिति कांग्रेस के लिए हो सकती है कांग्रेस के नए टीम लीडर के आगे युवा जोश और अनुभव का सामंजस्य बिठाना भी बहुत बड़ी चुनौती होगी क्योंकि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी में एक नहीं अनेक दावेदार एक विधानसभा से हो जाते हैं 2022 के चुनाव में भी कांग्रेस आपसी खींचतान और अपनी पार्टी में एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में सत्ता में नहीं आ सकी थी इस आपसी खींचतान गुटबाजी और बड़ बोलेपन को भी रोकना गणेश गोदियाल के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है

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