राज्य आंदोलनकारी ललित कांडपाल ने कहा उपलब्धियों से भरा है 25 वर्षों का कालखंड

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ललित कांडपाल से संक्षिप्त वार्तालाप
प्रश्न: राज्य स्थापना के 25 वर्षों में हमने क्या पाया क्या खोया
उत्तर: सर्वप्रथम समस्त उत्तराखंड के लोगों को राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई शुभकामनाएं
खोने के लिए तो हमारे पास कुछ नहीं था लेकिन पाया बहुत कुछ है उत्तराखंड का नाम पाया इसका वर्णन स्कंद पुराण में वर्णन है मानस खंड और केदार खंड को जब ऋषि मुनियों ने मंथन किया तब उस से उत्तराखंड निकला अच्छा लगता है आज देश के अंदर लोग उत्तराखंड को जानते हैं उत्तराखंड की संस्कृति यहां के रीति रिवाज यहां का त्याग का बच्चा बलिदान लोगों को पता चला प्रथम परमवीर चक्र हो या और क्षेत्र में उत्तराखंड का देश के लिए बहुत बड़ा योगदान है जनसंख्या में बेशक हम देश में दो प्रतिशत होंगे लेकिन बलिदान देने में उत्तराखंड आज 25% से आगे है
प्रश्न: उत्तराखंड में पहाड़ी और मैदानी का एक नया मतभेद उभर कर आ रहा है इस पर आपकी क्या राय है
उत्तर: पहाड़ी और मैदानी जैसा उत्तराखंड के अंदर कुछ भी नहीं है कुमाऊं में जसपुर काशीपुर रुद्रपुर सितारगंज आदि शहरों को उत्तराखंड के शासको ने ही बसाया है रुद्रपुर को अल्मोड़ा के राजा रूद्र चंद जी ने बसाया काशीपुर को चंद्र वंश प्रधान सलाहकार काशी सिंह अधिकारी जी ने बसाया जसपुर को चंद्र वंश के सेनापति जशोधर अधिकारी जी ने बसाया तराई का भूभाग शीतकालीन राजधानी थी आजादी के बाद पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी ने पाकिस्तान से आए लोगों को भी यहां जमीन दी उनके लिए व्यवस्था की आज सब खुशहाल है पहाड़ और मैदानी का कोई भी मतभेद उत्तराखंड के अंदर नहीं हो सकता है उत्तराखंड में निवास करने वाला उत्तराखंडी है
प्रश्न: मूल निवास के मुद्दे पर आपका क्या विचार है
उत्तर: मूल निवास प्रमाण पत्र 1950 से पहले जो लोग उत्तराखंड में रह रहे हैं हिंदू मुस्लिम सिख इसाई कोई भी हो उन सब को मिलना चाहिए लेकिन उसकी समय सीमा 1950 से पहले की होनी चाहिए यह उत्तराखंड का मौलिक अधिकार है सरकार को मूल निवास प्रमाण पत्र जो सरकार ने बंद कर दिया उसे पुनः जारी करना चाहिए मूल निवासियों को कुछ मूलभूत अधिकार देने चाहिए जल जंगल जमीन पर उनका अधिकार हो उत्तराखंड के लोगों को पांचवी अनुसूची का दर्जा मिलना चाहिए इससे क्या होगा जो एकदम से उत्तराखंड की डेमोग्राफी चेंज हुई उसमें रोकथाम होगी उत्तराखंड के लोग अपने आप को सुरक्षित समझेंगे बगल में हमारा पड़ोसी देश चीन नेपाल है देश की सुरक्षा के लिए इस भूभाग को पांचवी अनुसूची में रखना देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा कदम होगा
प्रश्न: 25 साल से उत्तराखंड को स्थाई राजधानी नहीं मिल सकी इस पर आपका क्या विचार है
उत्तर: गैरसैंण उत्तराखंडियो के भावनाओं से जुड़ा हुआ है उत्तराखंड की राजधानी वही बननी चाहिए उसके लिए भारत सरकार उत्तराखंड सरकार को पहाड़ के बड़े स्तर को जोड़ना चाहिए रानीखेत द्वाराहाट मासी चौखुटिया आदि बद्री पांडुखाल गैरसैंण कर्णप्रयाग गोचर आदि और शेरों को जोड़कर बड़े स्तर पर राजधानी क्षेत्र घोषित करना चाहिए कई नेता लोग सवाल उठा रहे हैं यातायात की व्यवस्था नहीं है संसाधन नहीं है जहां चाह वहां राह आजकल केवल कार की व्यवस्था है मेट्रो की व्यवस्था है जहां पर उपलब्ध हो वहां पर मेट्रो की व्यवस्था करें हेलीपैड की व्यवस्था है पहाड़ में जगह-जगह हैलीपैड बनाया जाए छोटी-छोटी हवाई पट्टियों का निर्माण किया जाए सड़कों का चौड़ीकरण किया जाए निश्चित रूप से राजधानी का निर्माण हो सकता है हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की विशेष कृपा है उत्तराखंड के अंदर यह कार्य उनके कार्यकाल में संभव हो सकता है इच्छा शक्ति चाहिए दिल्ली दरबार में यह बात उठाने वाला चाहिए बात को रखने वाला चाहिए आज देश में पैसे की कमी नहीं है कार्य करने वाले जनप्रतिनिधि चाहिए