बच्चों के अपहरण रेप व हत्या के आरोप से बरी हुआ सुरेंद्र कोली जेल से रिहा

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बच्चों के अपहरण रेप एवं हत्या के आरोपी रहे अल्मोड़ा जिले के मंगरुखाल निवासी सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुरेंद्र कोली को जेल से रिहा कर दिया गया है वर्ष 2006 में नोएडा के निठारी में बच्चों के गायब होने की खबर पुलिस को लगतार मिल रही थी पुलिस ने गहनता से जांच की और नोएडा के सेक्टर 31 की कोठी नंबर d5 से नर कंकाल बरामद किए गए थे पुलिस को दिसंबर 2006 में जिस स्थान से 16 मानव खोपड़ियां मिली थी वह बंग्ला व्यवसाय मोनिंदर सिंह पंधेर का था और सुरेंद्र कोली उसका घरेलू नौकर था सुरेंद्र कोहली वर्ष 2000 में नौकरी की तलाश में दिल्ली गया था और वह किसी घर पर खाना बनाने का काम करता था इस बीच एक परिचित के द्वारा मोनिंदर सिंह पंधेर की उससे मुलाकात हुई मोनिंदर सिंह पंधेर ने उसे अपने घरेलू सहायक के रूप में नौकरी का ऑफर दिया जिसके बाद वह मोनिंदर सिंह के यहां नौकरी करने लगा सुरेंद्र कोली पर एक के बाद एक तेरह मामले दर्ज हुए 12 अन्य संबंधित मामलों में पूर्व में बरी हो चुका था और 11 नवंबर को 13वें अर्थात अंतिम मामले में भी उसे साक्ष्य के अभाव में बरी री कर दिया गया था जबकि मोनिंदर सिंह पंधेर वर्ष 2023 में रिहा हो चुका था पढ़िए पूरी खबर विस्तार से
निठारी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के बाद सुरेंद्र कोली जेल से रिहा
निठारी सीरियल किलिंग केस के आरोपी सुरेंद्र कोली को ग्रेटर नोएडा स्थित लुक्सर जिला जेल से रिहा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम लंबित मामले में बरी किए जाने के एक दिन बाद उसे छोड़ा गया। यह मामला 2006 के उन सीरियल हत्याओं से जुड़ा था, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसकी जानकारी अधिकारियों ने गुरुवार को दी।

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जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने पुष्टि की कि कोली बुधवार शाम करीब 7:20 बजे जेल से बाहर निकला।
कुमार ने बताया, “सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिहा किया गया।”
नीली शर्ट, काली पैंट और नेवी-ब्लू जैकेट पहने कोली अपने वकीलों के साथ जेल से बाहर आया। उसके परिवार वाले उसके साथ नहीं थे। वह मीडिया से बातचीत किए बिना सीधे बाहर निकल गया। उसे उसके घर ले जाया गया।
निठारी कांड तब उजागर हुआ था जब कंकाल, खोपड़ियाँ और अन्य अवशेष बरामद हुए थे। ये अवशेष स्थानीय निवासियों की शिकायत के बाद सीबीआई ने पांडेर के डी-5 बंगले के पीछे से बरामद किए थे। यह बंगला नोएडा के सेक्टर-31 में स्थित था।
यह केस बच्चों और युवतियों के गायब होने, उनकी हत्या और उनके अवशेष मिलने से जुड़ा था, जिसने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया था।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ ने 15 वर्षीय लड़की के कथित बलात्कार और हत्या से जुड़े अंतिम मामले में कोली को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि “सिर्फ शक के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता,” और तुरंत रिहाई का आदेश दिया, क्योंकि किसी अन्य मामले में उसकी आवश्यकता नहीं थी।
कोर्ट ने इस अपराध के “घृणित” स्वरूप और पीड़ित परिवारों की “असीम पीड़ा” को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि अभियोजन पक्ष दोष साबित करने में “उचित संदेह से परे” सबूत देने में विफल रहा। “सिर्फ शक होने से किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता,” अदालत ने कहा और नोट किया कि जांच ठीक से नहीं की गई थी।
इससे पहले, इस मामले के सह-आरोपी पंधेर को अक्टूबर 2023 में रिहा किया गया था।