तहसीलदार के माध्यम से सीएम को भेजा इस वयो वृद्ध समाजसेवी ने ज्ञापन

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श्रीमान माननीय प्रखर एवं ओजस्वी मुख्यमंत्री, श्री पुष्कर सिंह धामी जी, उत्तराखण्ड सरकार देहरादून।

द्वारा: तहसीलदार, लाल कुआं, नैनीताल

विषय- उत्तराखण्ड राज्य बने 25 वर्ष बीत जाने के फलस्वरूप राज्य के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं शिक्षा विभाग में हालत बदतर से भी बदतर होने एवं घोर लापरवाही के कारण ठोस नीति बताये जाने हेतु मन्त्रीमण्डल की आपात बैठक करते हुए गम्भीर समस्या का हल निकालने बावत ।

महोदय,

सविनय निवेदन है कि प्रदेश की आम जनता आपसे निवेदन करती है कि

१. उत्तराखण्ड राज्य के 25 वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जो राज्य के लिए दुर्भाग्य का विषय है।

  1. लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता द्वारा चुनी सरकार जनता के लिए प्रतिबद्ध होती है। जनता ने आपको राज्य का मुखिया बनाया है। अर्थात आप जनता के लिए पितृ तुल्य है। जनता आपकी पुच्यत है। जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आपके ऊपर है। पूरा राज्य आप पर भरोसा एवं विश्वास करता है। राज्य की खराब स्थिति को सुधारना भी आपका दायित्व है।
  2. माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री जी के सिद्धान्त है 1. सबका विकास 2. सबका साथ 3 सबका प्रयास, 4. सबका विश्वास माननीय प्रधानमंत्री जी के विचारी का आदर करते हुए क्या राज्य का विकास हो रहा है। जबकि संविधान जनता को स्वास्थ्य एवं शिक्षा का अधिकार देता है। यह आम जनता का मौलिक आधिकार है। जनता के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है, शासन निष्क्रीय होकर हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
  3. विगत वर्ष 2014 से निरन्तर इतफाक से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जनता ने विश्वास के साथ आपको राज सिंहासन पर बैठाया है। डबल इन्जन की सरकार का क्या महत्य रह गया। विकास की सोच रखने वाले राजा का राज्य खोखला ढांचा मात्र दिखाई दे तो उस राज्य के राजा को किन शब्दों से सम्बोधित किया जाए। अपने और अपने साथियों का स्वयं मूल्यांकन किया करें। जनता ने सभी को परखा है, समय रहते विकास का दामन थामी। शायद सत्तारूद्र साथी धरातल पर पैर रखना भूल गये है। कारण अधिक सत्ता का लाभ माननीयों द्वारा ही लिया जा रहा है। जिनके लिए यात्रा फ्री, खाना फ्री, मो० फ्री, गैस फ्री, उपचार फ्री, वेलन फ्री हो तो वहाँ आलस (जमहाई) का आना स्वाभाविक है। अर्थात माननीयों का उदय और उन्नति जमकर हुई है। परन्तु असली अन्त्योदय लाभार्थियों का अन्त जरूर हुआ है। आप
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वास्तविकता पर नजर मारे। आपके द्वारा विभागीय मंत्रियों की समीक्षा प्रति 2 माह में नी जानी चाहिए थी। परन्तु सम्पूर्ण विश्वास मन्त्रियों पर रखने के कारण देखे का अनदेखा कर देना और इग्नोर करना यह राजा का काम नहीं है। जनता आपसे न्याय की आशा लगाये बैठी है। उप ही हैं जो सब कुछ आपसे कहा जा सकता है। दूसरों से कहने पर कोई लाभ नहीं, दूसरे तो सुने का अनसुता कर देते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की गहराईयों से समीक्षा करें। जो घुन की तरह विभाग एवं राज्य को खोखला करने में लगे हैं। उनके लिए विकास एक नारा और शब्द ही है विकास हेतु 15 से 20 घन्टा मेहनत करना पड़ता है। यौ तो बिना मन्त्री के भी विभाग चलते हैं और चल रहे हैं। यदि कुछ शर्म शेष है तो कृपया नैतिकता के आधार पर स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रालय से स्वयं त्यागपत्र देना चाहिए।

  1. स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग अत्यधिक महत्वपूर्ण विभाग है। जो मुख्यमंत्री के पद की बराबरी करने की सामर्थ रखता है। यहाँ पर 15 से 20 घन्टा विभाग में बैठकर काम करना पढ़ता है। तमी विभाग की सच्चाई अच्छाई आम जनता के लिए परिवर्तन जैसा सुन्दर कार्य किया जा सकता है। सभी विभागों की समीक्षा बैठक लेकर उनकी कार्य प्रणाली का अवलोकन करते हुए दिशा निर्देश देने की कृपा करेंगे क्योंकि यह जनहित एवं जनता के लिए किया जाने वाला कार्य है। शुभ चिन्तक की तरह आपको प्रदेश के विकास हेतु खुला पत्र प्रेषित कर रहे हैं।
  2. समस्त प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थायें भगवान भरोसे चल रही है। जनता की सेवा करना कोई नहीं चाहता है। राजनीति जनता की सेवा के लिए ही होती है जब से वेतन लेना शुरू किया है तभी से माननीयों में निष्क्रीयता एवं टाल मटोल की भावना में इजाफा हुआ है।
  3. आज तक स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर मन लगा कर कार्य नहीं किया गया है। जिसका प्रमाण नैनीताल के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोई रेडियोलोजिस्ट नहीं दिया गया है। और न पद ही सृजित किया गया है। और फिजिशियन पद स्वीकृत है तो फिजिशियन स्वास्थ्य केन्द्रों पर नहीं हैं अन्य पदों को भी सृजित नहीं किया गया है। चार-चार पत्र भेजे जाने के बाद भी पत्रों को कूड़े में फैक कर गुस्सा निकाला जाता है। संलग्न पेपर की 8 जनवरी 2025 की प्रति आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहा हूँ। शासन को जगाने और विकास की ओर बढ़ाने में दैनिक जागरण अखबार की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  4. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हल्दूचौड में डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी 30 बेडों का अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का प्रसव न होना बड़े दुर्भाग्य एवं महिलाओं का अपमान करने जैसा है। संलग्न प्रति 02 प्रस्तुत है। दिनांक 13.05.2025 को आपके कार्यालय में पत्र भेजा गया। संलग्न प्रति 03 प्रस्तुत है।
  5. महोदय स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 अगस्त 2023 को शपथपत्र हाईकोर्ट में दिया जाता है जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हल्दूचौड, जिला नैनीताल में 08 पद आउट सोर्सेज से भरे जाने हैं, परन्तु आज तक 08 पद नहीं भरा जाना पद की मनमानी को दर्शाता है। मन्त्री जी की मनमानी एवं अहंकार को दर्शाता है।
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