निराश्रित गौ वंश का सहारा बना यह गौधाम

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जनपद नैनीताल के लालकुआं तहसील अंतर्गत हल्दूचौड़ परमा गांव में स्थित श्रील नित्यानंद प्रभुपाद आश्रम प्रमुख आध्यात्मिक स्थल के साथ-साथ उत्तराखंड का महत्वपूर्ण गौधाम भी बन चुका है जहां नित्य हरि नाम संकीर्तन के बीच 4000 के लगभग निराश्रित गोवंश की सेवा की जा रही है 25 दिसंबर 1999 को श्रील नव योगेंद्र जी महाराज जी के द्वारा इस आश्रम की स्थापना की गई तब से आश्रम क्षेत्र का ही नहीं वरन उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है हरि नाम संकीर्तन के बीच गौ भक्ति का अनूठा संगम यहां देखते ही बनता है बचपन से ही गौ सेवा का भाव मन में जागृत किये स्वामी रामेश्वर दास जी की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण वर्ष 2006 में यहां गौधाम की स्थापना की गई और यह आंकड़ा देखते-देखते वर्तमान में 4000 के करीब पहुंच चुका है जहां नित्य गौ सेवको के द्वारा निराश्रित गौ वंश के सेवा की जाती है हरि नाम संकीर्तन के बीच पूरा माहौल गुंजायमान रहता है कृष्ण जन्माष्टमी हनुमान जन्मोत्सव राधा अष्टमी गोवर्धन पूजा जैसे पर्व यहां बहुत ही विराट एवं भव्य रूप में मनाए जाते हैं आश्रम में 4 सितंबर 2022 से श्रीमद् भागवत महापुराण के 1100 मूल पाठ का आयोजन चल रहा है जिसका पारायण 2029 में होगा आश्रम की व्यवस्था में स्वामी रामेश्वर दास जी के अलावा गोपीनाथ दास नारद मुनि दास कमल चरण दास कुंती माता सविता माता के अलावा स्थानीय समाजसेवी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं गोवंश संरक्षण के क्षेत्र में यह आश्रम आज पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है संकल्प शक्ति के धनी स्वामी रामेश्वर दास जी का कहना है कि कलि काल में यदि गोवंश का पूरी तरह से संवर्धन कर लिया जाएगा तो फिर देवी आपदाओं की मार नहीं झेलनी पड़ेगी उन्होंने कहा कि जब तक इस धरा धाम में गोवंश की दुर्दशा होगी प्रकृति दंड स्वरूप कभी-कभी अपना रौद्र रूप दिखाती रहेगी उन्होंने कहा कि आए दिन हम अनेक आपदाओं की खबर पढ़ते हैं सुनते हैं जो कहीं ना कहीं गोवंश की दुर्दशा के परिणाम है है उन्होंने समस्त क्षेत्र वासियों से अपील कर कहा है कि गोवंश के संरक्षण में आगे आए और गौ सेवा के माध्यम से अपना लोक तथा परलोक दोनों को सवांरे क्योंकि गौ भक्ति ही एक ऐसा अचूक माध्यम है जो कलि काल के समस्त पाप और संताप से व्यक्ति को बचा सकता है हरे कृष्णा

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