उत्तर भारत का प्रमुख दर्शनीय स्थल है यह प्रख्यात मंदिर

ख़बर शेयर करें

देवभूमि उत्तराखंड में श्रद्धा एवं विश्वास के कई प्रख्यात देवालय हैं जो तीर्थाटन एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रमुख केंद्र हैं ऐसा ही एक प्रमुख केंद्र में है जनपद नैनीताल के लाल कुआं विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेरी पड़ाव का मां अष्टादशभुजा महालक्ष्मी मंदिर यहां माता महालक्ष्मी की अष्टधातु की मूर्ति है यह मंदिर उत्तर भारत का प्रमुख मंदिर माना जाता है इस मंदिर का सौंदर्य भी देखते ही बनता है और रात को तो इसका नजारा मन को अत्यंत मोहित कर लेता है

इस मंदिर के स्थापना पवाहारी संत स्वामी बालकृष्ण यति जी महाराज ने की जिनका संपूर्ण जीवन सनातन धर्म एवं सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार तथा उसके संरक्षण के लिए समर्पित रहा

जिनके द्वारा अनेक विद्यालयों की स्थापना की गई अनेक परोपकार के काम किए गए उन्होंने 30 मार्च 2004 को अष्टादशभुजा महालक्ष्मी मंदिर का शिलान्यास करवाया उनके मार्गदर्शन में धीरे-धीरे भक्तों का कारवां बढ़ता ही चला गया और मंदिर को भव्य रूप देने का कार्य शुरू हुआ 4 वर्ष के अंतराल में यह मंदिर एक बड़े रूप में स्थापित हो गया

और 30 अप्रैल 2007 को इसका शुभारंभ किया गया बालकृष्ण यति जी महाराज के ब्रह्म लीन होने के बाद वर्तमान में महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज इस मंदिर की व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं यहां मंदिर का वार्षिक उत्सव , वर्ष में होने वाले दो नवरात्रि में पड़े धार्मिक अनुष्ठान, एवं गुरु पूर्णिमा पर्व पर विराट एवं भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है बाकी प्रत्येक दिन यहां श्रद्धालुओं की चहल-पहल देखी जा सकती है

Advertisement