निर्जला एकादशी का महात्म्य

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निर्जला एकादशी तिथि एवं पारण का समय,
एकादशी तिथि में भूलकर भी न करें 11 काम
निर्जला एकादशी 2025: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला और भीमसेनी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का खास महत्व माना गया है। इस दिन जल ग्रहण नहीं करते हैं इसलिए इसे निर्जला कहते हैं। इस एकादशी का व्रत 6 जून 2025 शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। जिसका पारण 7 जून को होगा। इस वर्ष द्वादशी तिथि दो दिन तक मिल रही है। कतिपय वैष्णव 7 जून को एकादशी का व्रत रखकर 8 जून को पारण करेंगे।

एकादशी तिथि प्रारम्भ-
05 जून 2025 को मध्यरात्रि के पश्चात् 02:19 बजे से (6 जून की मध्यरात्रि के पश्चात् 04:47 बजे तक )।

एकादशी तिथि समाप्त- 06 जून 2025 को मध्यरात्रि पश्चात् 04:47 बजे समाप्त।

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7 जून पारण का समय:- प्रातः 05:14 से दोपहर 10:31 तक।

निर्जला एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम
1- इस दिन चावल नहीं खाते हैं। मान्यता है कि चावल खाने वाले अगले जन्म में कीड़े मकोड़े के रूप में जन्म लेते हैं।

2- इस दिन नमक नहीं खाना चाहिए। नमक खाने से एकादशी और बृहस्पति का फल नष्ट हो जाता है। इसीलिए इस दिन सात्विक फलाहार ही खाना चाहिए।

3- इस दिन मसूर की दाल, मूली, बैंगन, प्याज, लहसुन, शलजम, गोबी और सेम का सेवन भी नहीं करना चाहिए। निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत से एक दिन पहले दशमी के दिन से ही अपने भोजन पर ध्‍यान न दें। ना तो तामसिक, मांसाहारी भोजन का सेवन करें। साथ ही मदिरा सहित सभी प्रकार के नशे से भी दूर रहें।

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4- इस दिन भूलकर भी स्त्री के साथ प्रेम प्रसंग नहीं करना चाहिए। मनसा, वाचा और कर्मणा से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

5- एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही उसे छूना चाहिए। क्योंकि तुलसी माता इस दिन उपवास में रहती है।

6- व्रत से एक रात पहले सोएं ना। पूरी रात भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करें।

7- इस दिन व्रत करते समय किसी के प्रति मन में बुरे विचार नहीं रखने चाहिए। चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए। हर तरह के वाद-विवाद से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।

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8- इस दिन पलंग पर नहीं सोना चाहिए। भूमि पर ही आराम करना चाहिए।

9- एकादशी के दिन पान नहीं खाना चाहिए क्योंकि पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।

10- इस दिन झाडू और पोंछा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की हत्या का दोष लगता है।

11- इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। इस दिन लकड़ी की दातुन न करें। नींबू, आम या जामुन के पत्ते चबाकर कुल्ला कर लें और अंगुली से गला साफ कर लें।

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