यह है इस क्षेत्र का सबसे प्राचीन देवालय
जनपद नैनीताल के सीमांत गांव बिंदु खत्ता के संजय नगर द्वितीय स्थित श्री हंस प्रेम योग आश्रम में बना बिंदेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र का सबसे प्राचीन देवालय है जानकार लोगों के मुताबिक वर्ष 1936 के करीब महा तपस्वी परम संत योगीराज हंस जी महाराज का यहां आगमन हुआ तब वे मानव धर्म के प्रचार प्रसार में देशभर में भ्रमण पर निकले थे पैदल भ्रमण के दौरान उनका इस क्षेत्र में भी आगमन हुआ और इस वियाबान क्षेत्र में विश्राम के समय उन्हें एक अलौकिक शक्ति का एहसास हुआ परम संत योगी राज हंस जी के द्वारा वहां पर शक्ति स्थल के रूप में शिवलिंग की स्थापना की गई कालांतर में करीब दो दशक पश्चात 1960 के आसपास योगीराज हंस जी महाराज जी के शिष्य महात्मा परमानंद जी ने वहां पर मंदिर का निर्माण कराया और देखते-देखते उसकी ख्याति दूरदर्शन फैल गई लोग बड़ी श्रद्धा के साथ बिंदेश्वर महादेव मंदिर में आकर अपना अभीष्ट प्राप्त करने लगे इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई और यहां पर शिवरात्रि पर्व भी धूमधाम से मनाया जाने लगा शिवरात्रि पर्व पर लगने वाला मेला कुमाऊं का सबसे बड़ा मेला के रूप में विख्यात हुआ जिसकी व्यवस्थाएं स्थानीय श्रद्धालु भक्तजनों द्वारा काफी समय पूर्व से की जाती रही महात्मा परमानंद जी के ब्रह्मलीन होने के बाद यहां मानव धर्म के प्रचार प्रसार के लिए सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के आत्म अनुभवी शिष्य संत महात्माओं का आगमन हुआ महात्मा सत्यबोधानंद जी द्वारा मंदिर के काफी जीर्ण होने पर इसके सौंदर्यीकरण एवं सुधारीकरण का संकल्प लिया गया और स्थानीय भक्त जनों के सहयोग से यह मंदिर भव्य एवं दिव्य रूप में हर किसी को मन मोह लेने में सक्षम है वर्तमान में युवा संत महात्मा आलोकनंद जी एवं मानसानंद जी के साथ-साथ आश्रम वासी सेवक भी बिंदेश्वर महादेव मंदिर एवं श्री हंस प्रेम योग आश्रम की व्यवस्थाओं का बहुत ही कुशलता के साथ निर्वहन कर रहे हैं यहां का वातावरण हर किसी को एक नई स्फूर्ति और ऊर्जा प्रदान करता है और उसे जीवन की वास्तविकता का बोध कराता है क्योंकि यह संपूर्ण क्षेत्र आत्म तत्व के अनुभवी संत महात्माओं की तपस्थली भी है यहां प्रत्येक रविवार को मानव जीवन के लिए बेहद कल्याणकारी एवं जरूरी सत्संग का भी आयोजन किया जाता है महाशिवरात्रि पर्व के अलावा यहां हंस जयंती महोत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है आश्रम परिसर में ही एक विशाल सुंदर प्रवचन हाल है जहां बिजली पानी पंखे की बहुत ही बेहतरीन व्यवस्थाएं हैं बिंदुखत्ता के सबसे प्राचीन बिंदेश्वर महादेव मंदिर तक बेहद आसानी से पहुंचा जा सकता है यहां पहुंचने के लिए अपने निजी वाहन एवं सार्वजनिक वाहन के जरिए पहुंचा जा सकता है