सामाजिक समरसता का केंद्र बना यह प्रमुख शक्तिपीठ
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वेद की बोले ऋचाएं सत्य को धारण करें हर्ष में हों मग्न सारे शोक सागर से तरें इस प्रार्थना के साथ नित्य गायत्री महामंत्र की गूंज के बीच शांतिकुंज हरिद्वार का प्रमुख केंद्र गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ आध्यात्मिक के साथ-साथ सामाजिक समरसता का भी महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है यहां होने वाले नित्य हवन अनुष्ठान के जरिए जनमानस में धार्मिक चेतना का संचार किया जा रहा है वहीं सामूहिक यज्ञ एवं अन्य संस्कारों का एक साथ एक छत के नीचे कराने से भी सामाजिक समरसता का भाव प्रकट हो रहा है गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ जिसकी स्थापना लगभग 1987 के आसपास की गई आज यह कुमाऊं का प्रमुख जोनल केंद्र बन चुका है तथा आध्यात्मिक गतिविधियों का प्रमुख संवाहक केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है जीआईसी हल्दूचौड़ से रिटायर्ड हिंदी के प्रवक्ता स्वर्गीय नवीन चंद्र जोशी द्वारा गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना के लिए जमीन दान दी गई और पूर्व अपर शिक्षा निदेशक गौरी दत्त ओझा ने इसकी स्थापना में अपना अहम योगदान दिया बाद में स्वर्गीय राम सिंह मेहता इसके प्रबंधक बने उन्होंने अपने प्रबंधक कार्यकाल के दौरान गायत्री शक्तिपीठ को प्रचार प्रसार के माध्यम से नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया स्वर्गीय राम सिंह मेहता के प्रयासों से ही गायत्री शक्तिपीठ विस्तार लेता गया पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल के प्रयासों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बगल में लगभग एक एकड़ जमीन की व्यवस्था कराई गई जहां वर्तमान में गायत्री कुंज है पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल का गायत्री शक्तिपीठ के विस्तार सौंदर्यीकरण में अभूतपूर्व योगदान है गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री कुंज में वर्ष पर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है और विभिन्न धार्मिक आध्यात्मिक एवं संस्कारमय कार्यक्रम कराए जाते हैं लेकिन बसंत पंचमी पर यहां पर कुमाऊं का सबसे बड़ा एवं विराट कार्यक्रम होता है जिसमें हजारों लोग पहुंचते हैं और सामूहिक यज्ञोपवीत मुंडन विद्यारंभ संस्कार भी बड़े पैमाने पर संपन्न कराये जाते है वेद मूर्ति तपोनिष्ठ युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी जिन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की स्थापना की बसंत पंचमी को गायत्री परिवार द्वारा उनका आध्यात्मिक जन्म दिवस भी मनाया जाता है वर्तमान में गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ के प्रबंधक के रूप में बसंत पांडे अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिनके कुशल मार्गदर्शन में गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री कुंज हल्दूचौड़ नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है जिसका दिन पर दिन विस्तारीकरण किया जा रहा है यहां मां भगवती विद्या निकेतन आठवीं तक के स्कूल का भी संचालन किया जाता है तथा स्वावलंबन के जरिए लोगों को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान कराए जाते हैं गायत्री कुंज में एक्यूप्रेशर पार्क एवं नवग्रहवाटिका बेहद दर्शनीय है
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