900 चूहे खाके बिल्ली हज को चली इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है लालकुआं का यह व्यक्ति
राजनीतिक महत्वाकांक्षा इंसान से क्या नहीं करा देती है कुछ नहीं कहा जा सकता जो लोग कभी जीवन भर किसी के काम नहीं आए जिन्होंने हमेशा अपना स्वार्थ देखा राजनीतिक फायदे के लिए वह लोग परमार्थ की बात करने लगते हैं हालांकि सच्चाई क्या है यह लोग जानते हैं ऐसा एक मामला लालकुआं में देखने को मिल रहा है जीवन में हमेशा लोगों की जेब काटने वाला एक व्यक्ति आज अपने आप को बहुत बड़ा समाज सेवी कह रहा है और अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों का ध्यान खींच रहा है लेकिन लोग इस बात को समझ रहे हैं कि यह व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ से परिपूर्ण है समाज सेवा अथवा परमार्थ जैसी बात इसके साथ करना बेमानी होगी आज यह आदमी अपने आप को बहुत बड़ा समाज सेवी बताने की कोशिश कर रहा है और एक महत्वपूर्ण पद पर चुनाव लड़ने की भी बातें कर रहा है लेकिन लालकुआं की जनता इसका अतीत जानती है और लोग भी इसका अतीत जानते हैं कि इसका अतीत सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए बीता सवाल उठता है कि क्यों लोग ऐसे लोगों के मकड़जाल में फंस जाते हैं और अपना कीमती समय इन लोगों की चाटुकारिता में बर्बाद कर देते हैं कई ऐसे लोग हैं जो ऐसे लोगों की चरण वंदना करके अपने स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करते हैं मां अवंतिका ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे कि ऐसे लंपट लोगों के चक्कर में कोई ना आए जय श्री राम
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