सत्य साधक बृजेंद्र पांडे गुरु जी ने बताई नाम की महिमा, दिया यह संदेश

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कलयुग में भवसागर से पार उतरने के लिए प्रभु का नाम ही सर्वश्रेष्ठ औषधि है हरि नाम सुमिरन वह औषधि है जो भव बंधन से मुक्त कराकर मनुष्य को परमपिता परमात्मा से साक्षात्कार कराती है यह उदगार श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मां पीतांबरी के परम भक्त सत्य साधक बृजेंद्र पांडे गुरु जी ने व्यक्त किये उन्होंने कहा कि सांसों की माला में निरंतर चलने वाला वह नाम ही वास्तव में समस्त प्रकार के भव बंधन से दूर करने वाला है उस नाम की महिमा को समय के महापुरुषों ने जाना उस नाम की महिमा को विघ्न विनाशक गणेश जी ने जाना और उस नाम के प्रभाव से ही सर्वप्रथम उनकी पूजा की जाती है उन्होंने कहा कि नाम में इतनी शक्ति है कि भगवान राम को भी उनके भक्त हनुमान ने अपने वश में कर लिया इस नाम का सुमिरन करते ही मीरा ने भी जहर का प्याला पी लिया और सभी जानते हैं कि वह जहर का प्याला अमृत के समान हो गया इतना ही नहीं स्वयं भगवान शिव ने भी उसे नाम की महिमा को जाना और उस नाम का सुमिरन करके ही उन्होंने हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर लिया और नीलकंठ कहलाए बृजेंद्र पांडे गुरु जी ने कहा कि कोटि नाम जग में ताते मुक्ति ना हो गुप्त नाम जो जपे बूझे बिरला कोई अर्थात हमारी सांसों की माला में भी एक निरंतर नाम चलता रहता है जिसे समय के सद्गुरु महापुरुष एवं ज्ञानी बता सकते हैं उस पावन नाम के बारे में क्या कहा जाए जितना भी कहा जाए वह कम है उन्होंने यह भी कहा कि चहूं जुग, चहुं श्रुति नाम प्रभाऊ कलि विसेषि नहीं आन उपाऊ
अर्थात चारों युगों में और चारों वेदों में ही नाम का प्रभाव है उसकी महिमा का वर्णन किया गया है लेकिन कलयुग में इसका प्रभाव विशेष रूप से है क्योंकि कलयुग में केवल नाम ही आधार है कहा भी गया है काल नाम न खाए अर्थात नाम अमर होता है उल्लेखनीय है कि सत्य साधक विजेंद्र पांडे गुरु जी अपनी सीधी सपाट एवं खरी खरी बातों के लिए जाने जाते हैं किसी बात को स्पष्ट रूप से रखने में वे तनिक भी नहीं झिझकते हैं

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