उत्तराखंडी लोक नृत्य के रंग में रंगा हल्दूचौड़

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उत्तराखंड का प्रमुख लोक नृत्य छोलिया एक बार फिर से अपने पूरे शबाब पर पहुंचता दिखाई दे रहा है अक्सर उत्तराखंड के इस लोक नृत्य की झलक पर्वतीय अंचलों में दिखाई देती थी लेकिन राज्य बनने के बाद उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र लोक नृत्य के प्रचार प्रसार के बाद अब यह झलक हर जगह दिखाई देने लगी है अक्सर उत्तरायणी या अन्य पर्व पर दिखाई देने वाला यह खूबसूरत लोक नृत्य अब शादी विवाह के अवसरों पर भी धूम मचाने लगा है और कहीं ना कहीं आधुनिक बैंड बाजे पर अब यह भारी पड़ता दिखाई दे रहा है इसकी डिमांड दिन पर दिन बढ़ रही है और इससे जुड़े हुए कलाकारों के लिए एक आमदनी का भी अच्छा जरिया बन गया है

हल्दूचौड़ में भी इसकी झलक दिखाई दी इसके प्रति लोगों में दीवानगी इस कदर थी कि लोग छोलिया नृत्य की प्रस्तुति के साथ झूमते नाचते नजर आए मौका था हल्दूचौड़ पेशकारपुर गांव में न्यूटेक इंडस्ट्रीज के स्वामी भुवन चंद्र भट्ट के बेटे शुभम के विवाह समारोह का यहां छोलिया नृत्य के प्रति स्थानीय लोगों में दीवानगी इस कदर थी कि लोग एकटक होकर छोलिया नृत्य का आनंद उठाते रहे और जब बारात पेशकरपुर से नेशनल हाईवे स्थित एक बैंकट हॉल की ओर रवाना हुई तो तकरीबन 3 किलोमीटर तक लोग पूरे उत्साह के साथ छोलिया कलाकारों का साथ देते नजर आए छोलिया नृत्य को मनोरंजन के अलावा मंगल भी माना जाता है और अक्सर धार्मिक आयोजनों के अवसर पर कलश यात्रा के दौरान ढोल दमाऊ मसकबीन की गूंज के साथ छोलिया कलाकारों की भी मौजूदगी रहने लगी है पारंपरिक वाद्य यंत्र एवं छोलिया कलाकारों की प्रस्तुति मांगलिक कार्यों के अवसर पर शुभ मानी जाती है

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