इस घायल वृद्ध महिला के लिए फरिश्ता बनकर आया हल्द्वानी का शुभम कांडपाल

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दुनिया में हर प्रकार के इंसान होते हैं कुछ ऐसे हैं जिनका जीवन सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए होता है जिनके अंदर संवेदनाएं मृत प्राय हो जाती हैं और कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनसे लोगों का दुख नहीं देखा जाता लोगों के दुख को दूर करना ही उनके जीवन का मकसद बन जाता है एक ऐसा ही श्रेष्ठ उदाहरण दिया है हल्द्वानी के युवा शुभम कांडपाल ने हुआ यूं कि विगत दिवस 82 वर्षीय हल्द्वानी निवासी रमा देवी जो थ्री व्हीलर से कुसुमखेड़ा से हल्द्वानी बाजार की ओर आ रही थी कि बेतरतीब चल रही कार ने थ्री व्हीलर को टक्कर मार दी और रमा छिटक कर बाहर गिर गई और वहीं पर मूर्छित हो गई थ्री व्हीलर में अन्य लोग भी थे जिन्हें हल्की सी खरोंच आई वे अपने-अपने गंतव्य को चले गए अब बारी थी 82 वर्षीय रमा की जो किनारे पर असहाय पड़ी थी किसी ने भी उसको उठाने की जरूरत महसूस नहीं की इस बीच शुभम कांडपाल नाम का एक युवा उधर से गुजरा उसने देखा कि उसकी मदद को कोई नहीं आ रहा है उसने मदद को हाथ बढ़ाया और अपने निजी वाहन से महिला को बेस अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए जोखिम लेना उचित नहीं समझा और सुशीला तिवारी अस्पताल को रेफर कर दिया सुशीला तिवारी अस्पताल में जाकर भी चिकित्सकों ने उन्हें राम मूर्ति ले जाने की सलाह दी इस पर शुभम ने प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करने का निर्णय लिया लेकिन इस बीच जानकारी पर रमा के परिचित अस्पताल पहुंचे और उन्हें फिर सुशीला तिवारी अस्पताल में ही भर्ती कर दिया गया रमा ने आज बताया कि वह युवक कौन था कहां से आया मुझे कुछ नहीं पता लेकिन मेरे लिए वे भगवान के रूप में ही आया है रमा का कहना है कि वह और उसके वृद्ध पति अकेले ही अपना जीवन यापन करते हैं कुल मिलाकर शुभम ने मानवता का एक ऐसा श्रेष्ठ कार्य किया जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है दूरभाष पर शुभम ने इस समाचार को हाईलाइट नहीं करने की भी बात की है लेकिन समाज में लोगों को प्रेरणा मिले इसलिए समाचार को बिना शुभम की फोटो के प्रसारित कर रहे हैं

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