दिव्य शक्ति का पावन केंद्र है मां कालिका का यह दरबार

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उत्तराखंड के चप्पे-चप्पे में देवालय हैं इसीलिए इसे जगतगुरु शंकराचार्य ने देवभूमि की उपमा से अलंकृत किया ज्ञान और भक्ति के ऐसे अटूट संगम है जिनके दर्शन कर व्यक्ति धन्य हो जाता है और उसे मनवांछित फल की प्राप्त होती है ज्ञान भक्ति श्रद्धा विश्वास का एक ऐसा ही दिव्य एवं पावन केंद्र जनपद नैनीताल के बिंदुखत्ता में भी हाट कालिका मंदिर के नाम से विख्यात है यह मंदिर जागृत शक्तिपीठ के रूप में माना जाता है अर्थात यहां पहुंचकर व्यक्ति को एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है उसे लगता है मानो वह किसी दिव्य शक्ति के आंचल में बैठा हुआ है बिंदुखत्ता के अलावा राज्य के अनेक कोने से श्रद्धालु यहां बड़ी श्रद्धा के साथ आते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं इस मंदिर का दिव्य एवं प्राकृतिक वातावरण देखते ही बनता है मां कालिका के दरबार में पहुंचते ही एक अनोखी शांति प्राप्त होती है जो एक बार यहां आता है बस बार-बार उसका आने का दिल करता है स्थानीय भक्तों द्वारा एवं अन्य श्रद्धालुओं द्वारा यहां समय-समय पर श्रीमद् भागवत देवी भागवत राम कथा शिव महापुराण जैसे आयोजन भी कराए जाते हैं स्थानीय जनमानस के अपार श्रद्धा के मन्दिर हाटकालिका दरबार में वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना बना रहता है लेकिन नवरात्र के अवसरों पर तो यहां श्रद्धालुओं का आवागमन देखते ही बनता है
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता ,नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः

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