परोपकार को जीवन का लक्ष्य बनाया युवा संत महात्मा सत्यबोधानंद जी ने

समाज सेवा के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक कार्य करने वाले युवा संत महात्मा सत्यबोधानंद जी ने आज और एक नेक कार्य करके अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया मौका था मानव उत्थान सेवा समिति एवं नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर का रक्तदान को जीवनदान का मूल मंत्र बताते हुए महात्मा सत्यबोधानंद जी ने इसकी शुरूआत स्वयं से की और लोगों को भी प्रेरित किया उल्लेखनीय है कि मानव उत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय संगठन सचिव महात्मा सत्यबोधानंद युवा संत के रूप में जहां मानव धर्म के प्रचार प्रसार में पूरी तन्मयता के साथ जुटे हैं वही समाज सेवा एवं परोपकार का जब कभी भी अवसर दिखाई देता है तो तुरंत अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखाई देते हैं उनका मानना है कि मनुष्य का जीवन तभी सार्थक है जब वह परोपकार के मार्ग पर चलकर परहित को ही अपना सबसे बड़ा धर्म मान लेता है
