आश्चर्य : यहां फल पर लगने लगा फूल, वनस्पति विज्ञान के जानकारों ने कहा असामान्य घटना

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अक्सर फल परिपक्व अवस्था को कहते हैं जो अनेक प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद पूरा होता है लेकिन यदि फल में फूल लगने लगे तो अजूबा है और फूल भी फल के अंदर से उसके त्वचा को पार करता हुआ यदि बाहर आए तो यह आश्चर्य वाली बात होती है वनस्पति विज्ञान से जुड़े लोग इसे असामान्य घटना बताते हैं ऐसा यह कुदरत का कारनामा हल्द्वानी में देखने को मिला यहां प्रख्यात पर्यावरण विद् वनस्पति जगत के जानकार एवं पूर्व जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉक्टर आशुतोष पंत के बगीचे में डॉक्टर आशुतोष पंत ने अपने बगीचे में तमाम पेड़ पौधों के साथ लोकाट का पेड़ भी लगाया है जिसमें फल के अंदर से फूल निकलि जिसे वह असामान्य घटना बताते हैं डॉक्टर आशुतोष पंत लोकाट के पेड़ के संदर्भ में जानकारी देते बताते हैं

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कि लोकाट का पेड़ सदाबहार होता है इसका वानस्पतिक नाम Ariyobotriya japonica है यह रोसैसी कुल का पौधा है चीन और जापान में इसकी व्यावसायिक खेती की जाती है इसमें पतझड़ नहीं होता है इसके पत्ते सदा हरे रहते हैं पेड़ की ऊंचाई 15 से 20 फीट तक होती है यह समशीतोष्ण वातावरण में अच्छा होता है थोड़ा ठंडा स्थान जैसे अल्मोड़ा पिथौरागढ़ चमोली आदि जगहों पर भी हो सकता है गर्म जगह में मार्च अप्रैल में इसके पेड़ पर फल आ जाते हैं जो आकार में बड़े बेर जैसे दो से ढाई इंच तक होते हैं कच्चे फल हरे होते हैं पकने पर पीले अथवा नारंगी रंग के हो जाते हैं शुरू में स्वाद खट्टा होता है पकने पर मीठा हो जाता है जो कार्बोहाइड्रेट विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं इसके फल भी खा जाते हैं और जैम चटनी जेली भी बनाई जा सकती है लोकाट का पेड़ 3 से 4 साल में फल देने लगता है डॉक्टर आशुतोष पंत ने बताया कि उनके घर में भी लोकाट के पेड़ है उन्होंने अपने कई मित्रों को भी इसके पौधे भेंट किए हैं उन्होंने कहा कि जब कुछ फल तोड़े तो एक फल में इस प्रकार का अजूबा दिखाई दिया कि फल की बाहरी त्वचा में फूल लगा हुआ था जो असमान्य घटना है उन्होंने कहा कि यदि लोकाट के पेड़ लगाना चाहे तो वह उनसे संपर्क कर सकते हैं

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