विश्व को सर्वाधिक आवश्यकता शांति एवं सद्भावना की : सतपाल महाराज , रामपुर में हुआ विराट सद्भावना सम्मेलन हजारों श्रद्धालु पहुंचे

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विश्व को सर्वाधिक आवश्यकता आज शांति सद्भावना एवं आध्यात्म की है अध्यात्म के पथ पर चलकर ही संपूर्ण दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम का भाव स्थापित किया जा सकता है यह उद्गार यहां रामपुर में मोदी फैक्ट्री परिसर स्थित ग्लोबल हाल में अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संत तथा उत्तराखंड राज्य के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सदगुरु देव श्री सतपाल महाराज जी ने व्यक्त किये

उन्होंने कहा कि आज दुनिया में अनेक देशों के बीच आपसी तनाव है और इंसान तथा इंसान के बीच में आत्मीयता समाप्त होने लगी है उन्होंने कहा कि आध्यात्म ही वह रास्ता है जो दुनिया में फिर से अमन चैन को कायम कर सकता है उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ के सफल आयोजन पर उत्तर प्रदेश सरकार को बधाई दी और कहा कि प्रयागराज महाकुंभ पूरी दुनिया में भारत की महान सनातन संस्कृति एवं सनातन धर्म के ध्वजवाहक के रूप में मजबूती के साथ अपनी पहचान को बनाने में कामयाब रहा

उन्होंने कहा कि कभी शिकागो अमेरिका में जो स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म सभा में भारत के ज्ञान का लोहा मनवाया था आज वही काम महान संत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर दिखाया है उन्होंने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन उत्तराखंड राज्य ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा गंगा से प्रचुर मात्रा में जल देकर संगम के पवित्र घाट में स्नान और आचमन के लिए योगदान दिया

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उन्होंने उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहां कि कहीं ना कहीं ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है और इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं इस बात का इशारा करती है कि समय रहते इंसान अन्याय अत्याचार व्यभिचार बुरे कर्म का मार्ग छोड़कर सदाचार सद्गुण और सौहार्द को अपने जीवन में कायम करें उन्होंने जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की भी आवश्यकता पर बल दिया श्री महाराज ने कहा कि केवल जल ही जीवन है या वृक्ष धरा का आभूषण है कहने से काम नहीं बनने वाला बल्कि हमको इन दोनों के संरक्षण में पूरी मनोयोग के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि इनका अवैधानिक रूप से किया जा रहा उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आ रहा है उन्होंने इस दौरान आध्यात्मिक गूण रहस्यों को विस्तार से समझाते हुए कहा कि हमारे जीवन में महापुरुषों का एवं संत महात्माओं का सानिध्य होना परम जरूरी है क्योंकि यह वह समुदाय है जो इस धरा धाम में चलता फिरता प्रयागराज तीर्थ है जिनके सानिध्य में आने पर ज्ञान भक्ति व वैराग्य रूपी त्रिवेणी को जीवन में आत्मसात किया जा सकता है इस दौरान सदगुरुदेव श्री महाराज को सफल आयोजन पर भव्य कुंभ कलश प्रदान किया गया इस अवसर पर अमृता माताजी ने भी भक्तों को सत्संग के महान विचारों का श्रवण कराते हुए राजा जनक और मुनी सुखदेव के बीच हुए संवाद का बहुत ही सुंदर वर्णन कराया और ज्ञान के साथ-साथ एकाग्रता को भी जरूरी बताया उन्होंने कहा कि ज्ञान हम सबको प्राप्त है उस ज्ञान का जीवन में सही उपयोग करना और संत महात्माओं के विचारों को एकाग्र होकर सुनना ही परम कल्याणकारी है इससे पूर्व महाराज जी द्वारा रामपुर में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा नवनिर्मित आश्रम मानव धर्ममंदिर का उद्घाटन किया गया इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड पंजाब बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा दिल्ली आदि प्रांत के लोग भी आए हुए थे इस अवसर पर मुख्य रूप से मानव उत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय संगठन सचिव महात्मा सत्यबोधानंद जी वरिष्ठ महात्मा हरि संतोषानंद जी महात्मा प्रेम परागानंद महात्मा विद्युतानंद जी प्रचारिका बाई जी करुणा बाई जी सुमिता बाई जी आभा भाई तारामती बाई संयुक्तानंद शिखा बाई जी महात्मा आलोकनंद जी महात्मा मानसानंद जी स्वरूपा बाई जी अंकिता बाई जी गजानंद जी मैत्री बाई जी अनुग्रह बाई जी जी प्रकाश शर्मा जी रमेश सिवान शक्ति सिंह शुभम श्रीवास्तव दीप चंद्र प्रदीप भुवन भट्ट घनश्याम रस्तोगी नारायण दत्त भट्ट स्वामीनाथ पंडित भगवान दास वर्मा कन्हैया सिंह श्वेता शर्मा समेत हजारों लोग मौजूद रहे बड़ी संख्या में पुलिस बल भी व्यवस्थाओं के संचालन में मुस्तैद दिखाई दिया

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