लोगों को सन्मार्गी बनने की प्रेरणा देते शिक्षाविद ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अखिलेश चंद्र चमोला
विद्यालय प्रबंधन विकास समिति के मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण में मन्डलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला ने किया उदबोधन —-डायट प्रशिक्षण संस्थान चढ़ी गांव में आयोजित एस एम सी ,एस एम डी सी के मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण में गढ़वाल मन्डलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला ने नशा उन्मूलन जन जागरुकता के परिदृश्य पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज सबसे बड़ा चिन्तन और आश्चर्य का विषय है कि हमारे युवा वर्ग नशीले पदार्थों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिसके फलस्वरूप वे अपनी सम्पूर्ण प्रतिभा का क्षय करके कुन्ठा के शिकार हो रहे हैं। इस समसामयिक पहलू को ध्यान में रखते हुए हमें इस ओर व्यापक रूप से अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए।पठन पाठन के साथ ही हम सबका समग्र प्रयास होना चाहिए कि हम नशा मुक्त समाज,,, नशा मुक्त आस पास का वातावरण,,, नशा मुक्त सुंदर आदर्श विद्यालय,,, बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें। अपने युवाओं के सम्मुख अपने आदर्श प्रस्तुत करे। आपने देश के सच्चे सपूतों के संस्मरणो से उन्हें परिचित करायें। भय मुक्त वातावरण में उन्हें नशे के दुष्परिणामों से परिचित करायें। भावी पीढ़ी का सफलतापूर्वक से मार्ग दर्शन करना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है।ये देश के भविष्य हैं। इनको संस्कार वान बनाकर ही हम आदर्श समाज, आदर्श राष्ट्र की संकल्पना कर सकते हैं।हम सबकी अपने अध्यापन कार्य के साथ ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षक समाज का दर्पण होता है । समाज में हम सम्मान तभी प्राप्त कर सकते हैं।जब हमारे लक्ष्य बहुत ऊंचे हो।हम भावी पीढ़ी सर्वांगीण विकास करें।हमारा देश सदियों से जगत गुरु के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। इसकी प्रतिष्ठा को उजागर करना हम सबका प्रमुख दायित्व है। डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने मंडलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी की अनुशंसा करते हुए कहा कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ साथ भावी पीढ़ी के सन्दर्भ में इस तरह का चिन्तन करना उत्कृष्ट मुहिम को दर्शाता है। इस मुहिम को साकार करने के लिए हम सबको सक्रिय रूप से जागरूक रहना चाहिए। नशीले पदार्थ जानलेवा के प्रतीक हैं।इनका सेवन करने से कैंसर, हृदय रोगी, श्वसन से सम्बंधित क्ई बीमारियां उत्पन्न होती हैं। इस मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण में पांच विकास खंड, पौड़ी,खिर्सू,द्वारीखाल, जयहरीखाल, खिर्सू के 100 से अधिक शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के समापन पर डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा मौलिक लिखित जीवन में कभी नशा न करने की प्रतिज्ञा भी कराई।
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