वयोवृद्ध आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन,छलका यह दर्द

वयोवृद्ध आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में राज्य में उपनल ठेका प्रथा एवं आउटसोर्स के जरिए भर्ती किए गए कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग की है और भविष्य में उपनल आउटसोर्स अथवा ठेका प्रथा को समाप्त किए जाने की भी मांग की है तहसीलदार लाल कुआं के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर प्रेषित ज्ञापन में वयोवृद्ध समाज सेवी आरटीआई कार्यकर्ता पूर्व प्रधानाचार्य गोविंद वल्लभ भट्ट ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता को लागू कर एक रिकॉर्ड बनाने जा रही है लेकिन सबको समान अवसर समान अधिकार तभी दिये जा सकते हैं जब आउटसोर्स और संविदा के तहत भर्ती किए गए कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाए

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि आउटसोर्स कर्मचारी जो नियमित कर्मचारियों की भांति अपनी सेवाएं देते हैं उन्हें मात्र 8 से 15000 के बीच मानदेय दिया जाता है जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन है और यह उत्तराखंड से हो रहे पलायन का भी एक बहुत बड़ा कारण है गोविंद बल्लभ भट्ट के साथ ज्ञापन भेजने वाले में संयुक्त रूप से समाज सेवी आरटीआई कार्यकर्ता हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया भी शामिल है उल्लेखनीय है कि हल्दूचौड़ के दुर्गा पालपुर मोतीराम निवासी गोविंद बल्लभ भट्ट शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्ति के बाद जनहित को लेकर के काफी तत्पर रहते हैं उनके द्वारा हल्दूचौड़ में लंबित पड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को खुलवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गई थी इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट में शरण ली थी उसके बाद आवश्यकता अनुसार चिकित्सक एवं स्टाफ की नियुक्ति के लिए भी वे लगातार संघर्ष करते रहे हैं
